Ganesh Chaturthi: रिद्धि-सिद्धि संग विराजमान हुए बप्पा, गणपति की खास आरती

Update: 2024-09-07 13:50 GMT
Ganesh Chaturthi ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन गणेश चतुर्थी को बहुत ही खास माना गया है जो कि गणपति साधना आराधना को समर्पित दिन होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का पावन पर्व हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आपको बता दें कि भाद्रपद माह में गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश की पूजा अर्चना का विधान होता है। भाद्रपद का महीना गणपति को समर्पित किया गया है।
 ऐसे में इस महीने भगवान की आराधना शुभ मानी गई हैं इस साल गणेश चतुर्थी का पावन पर्व 7 सितंबर दिन शनिवार यानी आज देशभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन घर घर में गणपति विराजमान किए जाते हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए गणपति की प्रिय आरती लेकर आएं है पूजा के दौरान इस आरती को गाने से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं।
 भगवान गणेश की आरती—
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी, माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा, लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया, बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।
 गणेश जी की सुखकर्ता दुःखहर्ता आरती
सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची
कंठी झलके माल मुक्ता फलांची। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती।
जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा चंदनाची उटी कुमकुम केशरा हीरे जड़ित मुकुट शोभतो बरा रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया।
जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती।
जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
लम्बोदर पीताम्बर फणिवर बंधना सरल सोंड वक्र तुंड त्रिनयना दास रामाचा वाट पाहे सदना संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुर वर वंदना।
जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती।
जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव ।।
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