प्राचीन समय में मंदिर के मध्य में कछुए की स्थापना की जाती थी जिसका मुख्य उद्देश्य असीम शांति प्राप्त करना था। यह व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाला होता हैं एवं आपको धन-दौलत और शोहरत भी दिलवाता है। लेकिन इसके लिए इससे जुड़ी सही जानकारी जानना जरूरी हैं कि किससे बने कछुए का इस्तेमाल किया जाए और किस स्थान पर इसे रखा जाए। आज हम आपको इससे जुड़ी सही जानकारी के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके लिए शुभकारी होगी।
स्फटिक का कछुआ
व्यर्थ की भागदौड़ व अनावश्यक प्रयासों से बचाते हुए यह जीवन की सार्थकता के साथ-साथ सुरक्षा भी देता है। इसे घर में रखने से कामयाबी के साथ-साथ धन-दौलत का भी समावेश होता है। अगर आप काफी समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और कई उपाय करने के बाद भी आपको कोई विकल्प नहीं मिल रहा है तो आप घर में स्फटिक से बना हुआ कछुआ रख सकते है। इसे घर की उत्तर दिशा में रखें और मुंह अंदर की तरफ रहे। यदि आप व्यवसायी हैं, तो अपने प्रतिष्ठान की उत्तर दिशा में स्फटिक का कछुआ रखें, ऐसा करने से व्यापार में धन लाभ और सफलता मिलती है रुके हुए काम जल्दी होने लगते हैं।
मिट्टी से बना कछुआ
कछुआ अगर मिट्टी का बना हुआ है तो उसे उत्तर-पूर्व दिशा, मध्य या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए,ऐसा करने से यह सर्वोत्तम परिणाम देता है। ऐसा कछुआ घर में रखने से जीवन में ऊर्जा का प्रवाह एक समान होने से स्थिरता बनी रहती है और जीवन में उतार-चढ़ाव कम आते हैं। इसे घर में रखने से जीवन में शांति, सद्भाव, दीर्घायु और पैसा आता है।
धातु का कछुआ
धातु का कछुआ पीतल, चांदी, तांबा या अष्ट धातु से बना हुआ घर या व्यवसायिक स्थल पर लगाना शुभ माना गया है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है व वास्तुदोष भी दूर होता है। घर में धातु का कछुआ रखने से, कई समस्याओं के समाधान में मदद मिलती है। कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी अगर आपको कैरियर में सफलता नहीं मिल रही हैं तो आपको अपने घर की उत्तर दिशा में धातु से बना हुआ कछुआ रखना चाहिए। अक्सर घर का कोई सदस्य लगातार बीमार रहता है और दवा आदि लेने पर भी सेहस में सुधार नहीं होता, तो घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में कछुए का चित्र लगाएं। इससे घर में बीमारियां नहीं आती व घर पर बुरी नजर का असर नहीं होता। कछुआ नजर दोष भी खत्म करता है।
पीठ पर बच्चे वाला कछुआ
कछुए को घर में 'गुड लक' के लिए रखा जाता है। लेकिन एक खास प्रकार की मादा कछुआ, जिसकी पीठ पर बच्चे कछुए भी हों, यह प्रजनन का प्रतीक होता है। जिस घर में संतान ना हो या जो दंपत्ति संतान सुख से वंचित हो, उन्हें इस प्रकार का कछुआ अपने घर में रखना लाभकारी परिणाम दे सकता है।