ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में वैसे तो कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं लेकिन होली दीवाली को बेहद ही प्रमुख माना गया है। होली का त्योहार हर साल फाल्गुन मास में मनाया जाता है इस दिन देशभर में हर्ष उल्लास देखने को मिलता है। इस दिन लोग सारे गिले शिकवे मिटाकर एक दूसरे के साथ मिलकर त्योहार मनाते हैं।
इस बार होली का त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा। होली से आठ दिन पहले होलाष्टक का आरंभ हो जाता है जिसमें किसी भी तरह के मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता है मान्यता है कि इन आठ दिनों में सभी मांगलिक व शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि होलाष्टक कब से शुरू हो रहा है और इस दौरान किन कार्यों को करना मना है तो आइए जानते हैं।
कब से शुरू होगा होलाष्टक—
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होलिका दहन और उसके अगले दिन यानी प्रतिपदा तिथि को रंग भरी होली का त्योहार मनाया जाता है। वही फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी को होलाष्टक का आरंभ हो जाएगा। इस बार होलाष्टक 17 मार्च दिन रविवार से लग रहा है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक के दिनों में मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। इस दौरान शादी विवाह, उपनयन संस्कार, जनेउ, नामकरण, नए घर में प्रवेश, विशिष्ट कार्य के लिए हवन पूजन आदि कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है। लेकिन इस दौरान रोजाना की पूजा पाठ किया जा सकता है। इसके अलावा होलाष्टक लगने के पहले ही नव विवाहित बहू को उसके मायके भेज दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि पहली होली मायके में ही मनाई जाती है।