ग्यारह मुखी रूद्राक्ष दूर करें भूत-प्रेत बाधा, जानें और भी फायदे

Update: 2023-06-20 13:29 GMT
भगवान शिव शंकर का अत्यंत प्रिय रूद्राक्ष की पूजा का बड़ा महत्व माना जाता हैं और इसे धारण करने से कई समस्याओं का निदान होता हैं। रुद्राक्ष कई तरह के होते हैं और सभी का अपना विशेष महत्व होता हैं। लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं ग्यारहमुखी रूद्राक्ष के बारे में। ग्यारह मुखी रूद्राक्ष को रूद्रदेव का अवतार माना जाता है और इसे धारण करने से संकट, क्लेश व कई परेशानियों से मुक्ति मिलती हैं। आज हम आपको ग्यारहमुखी रूद्राक्ष के प्रभावों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं।
* एकादशमुखी रूद्राक्ष प्रत्येक प्रकार के संकट क्लेश,उलझन व समस्याओं को दूर करने पराक्रम,साहस और आत्मशक्ति को बढ़ाता है। घर में किसी भी प्रकार की बाधा हो जैसे भूत-प्रेत देवी बाधा,शत्रु भय आदि हो तो आप ग्यारहमुखी रूद्राक्ष को अपने पूजा कक्ष में रखकर उसका नियमित पूजन करें तो शीघ्र ही लाभ मिलेगा। जिस स्त्री को सन्तान नहीं हो रही हैं उसे ग्यारहमुखी रूद्राक्ष को गले में धारण करने से चमत्कारी लाभ मिलता है।
* ग्यारमुखी रूद्राक्ष को पहने से रोग-दोष से रक्षा होती है, इस रूद्राक्ष को व्यवसाय स्थल में रखकर नियमित पूजन करहने से व्यवसाय में प्रगतिशीलता आती है।
* जिन बच्चों को बार-बार नजर दोष लगने के कारण बीमारियां घेर लेती है, उन्हें ग्यरहमुखी रूद्राक्ष को लाल धागें में पिरोकर गले में धारण करने से अत्यन्त लाभ मिलता है।
* इस रूद्राक्ष को धारण करने से गणेश व लक्ष्मी दोनों की कृपा बनी रहती है। जिससे धन धान्य में कमी नहीं आती है।
* अगर घर में भूत-प्रेत बाधा या अन्या किसी नकारातमक ऊर्जा का प्रभाव बना रहता है तो ग्यारह मुखी रूद्राक्ष का विधिवत पूजन करके एक तांबे के पात्र में जल भरकर उसमें डाल दें और सुबह-शाम उस जल को पूरे घर में छिड़कने से नकारात्मक चली जाती है।
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