पूर्व मुखी घर होना शुभ या अशुभ, वास्तु नियमों का रखे ध्यान

Update: 2023-06-17 12:38 GMT
वास्तु शास्त्र में बताया गया है घर बनवाते समय दिशाओं का ध्यान रखा जाना जरूरी है। उसी के अनुसार आपको शुभ या अशुभ फल प्राप्त होते हैं। इसलिए वास्तु शास्त्र में घर के बेडरूम से लेकर किचन तक की एक दिशा तय की गई है। अगर किसी व्यक्ति का घर पूर्व मुखी होता है तो ऐसे में उसे इन वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए। इससे वह वास्तु दोष से बचा रहता है।
इस दिशा में होना चाहिए मंदिर
वास्तु के अनुसार पूर्वमुखी घर सबसे शुभ माना जाता है। क्योंकि यह सूर्योदय की दिशा है। अगर आपका घर पूर्व मुखी है तो ऐसे में आपके घर का मंदिर ईशान कोण में होना चाहिए। इसे बहुत ही शुभ माना गया है। प्रवेश द्वार पर तांबे का सूर्य जरूर लगाएं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, तांबे का सूर्य सुख-समृद्धि को आकर्षित करता है।
रसोई घर के वास्तु नियम
रसोई किसी भी घर का सबसे अहम हिस्सा होती है। अपने घर का किचन कुछ इस तरह रखें कि खाना बनाते समय आपका मुख उत्तर या पश्चिम दिशा में होना चाहिए। रसोई घर में वास्तु नियमों का ध्यान रखने से आपका परिवार रोगों से मुक्त रहता है।
इस दिशा में हो सीढ़ियां
पूर्व मुखी घर में सीढ़ियां हमेशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में बनवानी चाहिए। जिस घर में प्रवेश द्वार पूर्व दिशा की ओर होता है उस घर में बाथरूम उत्तर-पूर्व कोने में नहीं बनवाना चाहिए। इसके अलावा आप दक्षिण या पश्चिम दिशा का चयन कर सकते हैं।
कहां होना चाहिए बेडरूम
अगर आपका घर पूर्व मुखी है तो ऐसे में आपका बेडरूम उत्तर-पूर्व कोने में होना चाहिए। वास्तु के अनुसार, अपना बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनवाएं। इससे आपको शुभ फल प्राप्त होते हैं।
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