ज्योतिष न्यूज़: हिंदू धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन भगवान श्री गणेश को समर्पित द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर साल फाल्गुन मास में मनाई जाती है इस दिन गणपति की विधिवत पूजा का विधान होता है मान्यता है कि द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है और जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है।
पंचांग के अनुसार द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर किया जाता है इस बार यह पर्व 28 फरवरी दिन बुधवार यानी की आज मनाया जाता है इस दिन बुधवार पड़ने के कारण इस व्रत का महत्व और बढ़ गया है। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत चंद्रमा के दर्शन और पूजन के बाद ही पूर्ण माना जाता है वही 28 फरवरी दिन बुधवार को चंद्रोदय 9 बजकर 42 मिनट पर होगा। इस दिन संध्याकाल भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा जरूर करें माना जाता है कि पूजा पाठ करने से ही व्रत का पूर्ण फल साधक को प्राप्त होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर किसी जातक के जीवन में कष्ट बना हुआ है या फिर कार्यों में मनचाही सफलता हासिल नहीं हो रही है तो ऐसे में आप द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन उपवास जरूर करें। माना जाता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद मिलता है जिससे जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है साथ ही मनचाही सफलता भी हासिल होती है।