Dussehra 2020: मंदोदरी कौन थी, जानिए रावण की मौत के बाद मंदोदरी ने क्यों किया विभीषण से विवाह?
लंकापति रावण का वध (Ravan death) करने के बाद प्रभु श्रीराम अपनी पत्नी सीता को लेकर आयोध्या वापस आ जाते हैं. इसी अध्याय के बाद रामायण में लोगों की दिलचस्पी कम होने लगती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| लंकापति रावण का वध (Ravan death) करने के बाद प्रभु श्रीराम अपनी पत्नी सीता को लेकर आयोध्या वापस आ जाते हैं. इसी अध्याय के बाद रामायण में लोगों की दिलचस्पी कम होने लगती है. शायद ही कोई जानता हो कि रावण की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी मंदोदरी (Mandodari) का क्या हुआ. आइए दशहरे (Dussehra 2020) के मौके पर आपको बताते हैं कि आखिर मंदोदरी कौन थी और रावण की मृत्यु के बाद उनका क्या हुआ.
मंदोदरी ने क्यों किया विभीषण से विवाह?
राम के हाथों रावण का वध होने के बाद मंदोदरी का विवाह विभीषण से हुआ था. इसके बावजूद रामायण में मंदोदरी के बारे में बहुत विस्तार से नहीं बताया गया है. आइए आपको बताते हैं मंदोदरी कौन थी और रावण कैसे उनका विवाह पहले रावण और फिर विभीषण से हुआ था.
कौन थी मंदोदरी?
पुराणों मुताबिक, मधुरा नाम की एक अप्सरा भगवान शिव की तलाश में एक बार कैलाश पर्वत पहुंच गई थी. मां पार्वती की अनुपस्थिति पाकर वे भगवान शिव को प्रसन्न करने में जुट गईं. पार्वती जब वहां पहुंची तो वह मधुरा के बदन पर शिव की भस्म देखकर क्रोधित हो गईं. उसी समय पार्वती ने मधुरा को 12 साल तक मेंढक बने रहने का श्राप दे दिया.
12 साल का श्राप
इसके बाद भगवान शिव ने पार्वती से क्रोध में निकले श्राप को वापस लेने का आग्रह किया. माता पार्वती ये श्राप तो वापस न ले सकीं. लेकिन उन्होंने कहा कि 12 साल बाद वह अपने असली रूप में वापस आ जाएंगी. लेकिन तब तक उन्हें ये श्राप भोगना ही होगा.
असुरराज बेटी बनाकर लाए घर
असुरराज मायासुर और उनकी पत्नी हेमा जिनके दो पुत्र मायावी और दुन्दुभी थे, बेटी की कामना के लिए तपस्या कर रहे थे. कैलाश पर्वत पर दोनों कई सालों तक बेटी की कामना के लिए तपस्या करते रहे. जब उन्हें एक कुएं से मेंढक के रोने की आवाज आई तो वे वहां गए और उन्होंने मधुरा की पूरी कहानी सुनी. मधुरा की कहानी सुनकर दोनों का दिल भर आया और वे तपस्या छोड़कर उसे अपने साथ ले आए.
जब पहली बार मंदोदरी से मिले रावण
रावण की नजर जब पहली बार मंदोदरी पर पड़ी तो उसने असुरराज को शादी के लिए प्रस्ताव भेजा. एक अहंकारी राजा होने की वजह से असुरराज ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया. इससे राज्य में युद्ध की स्थिति बन गई थी. मंदोदरी जानती थी कि रावण उसके पिता से ज्यादा शक्तिशाली शासक है. इसलिए उसने रावण के साथ विवाह स्वीकार कर लिया.
सीता हरण पर रावण का विरोध
सीता का अपहरण करने पर मंदोदरी ने रावण का विरोध किया था. उसने बार-बार रावण को समझाने का प्रयास किया कि राम की पत्नी का इस तरह अपहरण करना लंकेशपति को शोभा नहीं देता है. हालांकि रावण अपने अहंकार और बदले की भावना में इस कदर चूर था कि उसने मंदोदरी की एक नहीं सुनी. आखिरकार राम और रावण के बीच युद्ध हुआ, जिसमें रावण मारा गया.
कैसे हुई विभीषण से विवाह को राजी?
रावण का वध करने के बाद प्रभु श्रीराम ने विभीषण को लंका का नया राजा बनाने की सलाह दी और उन्हें मंदोदरी से विवाह करने का प्रस्ताव दिया. हालांकि मंदोदरी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और खुद को राज्य से अलग कर लिया. कुछ समय बाद वह विभीषण से विवाह करने पर सहमत हो गईं.