Dussehra 2020: जानिए रहस्यमयी रावण के 10 रहस्य

25 अक्तूबर को दशहरा का पावन पर्व मनाया जाएगा। दशहरा के दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था।

Update: 2020-10-22 11:08 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | 25 अक्तूबर को दशहरा का पावन पर्व मनाया जाएगा। दशहरा के दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। लंकापति रावण एक महान योद्धा, प्रख्यात पंडित तो था ही, इसके साथ ही उसकी दुनिया भी रहस्यमयी थी। रावण के जन्म से लेकर मृत्यु तक कई ऐसे रहस्य है, जिन्हें जानकर आप दंग रह जाएंगे। आज इस लेख के माध्यम से  हम आपको रावण के कुछ रहस्य बताएंगे। अगली स्लाइड्स में जानिए रावण के वे रहस्य जिन्हें जानकर आप दंग रह जाएंगे।

पहला रहस्य

रावण का पहल रहस्य यह है कि रावण के पिता एक ऋषि थे और माता एक राक्षसी थी।

दूसरा रहस्य

जन्म के समय ही रावण इतना भयानक था कि पहली बार देखने पर इनके पिता भयभीत हो गए थे।

तीसरा रहस्य

रावण ने देवलोक पर विजय प्राप्त करने के बाद यमलोक पर भी आक्रमण कर दिया था। ब्रह्मा जी के वरदान के कारण रावण ने यमराज को पराजित कर यमलोक पर अधिकार कर लिया और नर्क भोग रही आत्माओं को अपनी सेना में शामिल कर लिया।

चौथा रहस्य

देवताओं के खजांची भगवान कुबेर रावण के सौतेले भाई थे। रावण ने कुबेर को भगाकर लंका पर अधिकार किया था और उनका पुष्पक विमान छीन लिया था।

पांचवा रहस्य

रावण ज्योतिष का प्रकांड विद्वान था। अपने पुत्र को अजेय बनाने के लिए इन्होंने नवग्रहों को आदेश दिया था कि वह उनके पुत्र मेघनाद की कुंडली में सही तरह से बैठें। शनि महाराज ने बात नहीं मानी तो उन्हें बंदी बना लिया।

छठा रहस्य

रावण के दरबार में सारे देवता और दिग्पाल हाथ जोड़कर खड़े रहते थे। हनुमान जी जब लंका पहुंचे तो इन्हें रावण के बंधन से मुक्त करवाया।

सातवां रहस्य

रावण के अशोक वाटिका में एक लाख से अधिक अशोक के पेड़ के अलावा दिव्य पुष्प और फलों के वृक्ष थे। यहीं से हनुमान जी आम लेकर भारत आए थे।

आठवां रहस्य

रावण को रंभा नाम की अप्सरा से शाप मिला था कि वह किसी स्त्री से उसकी मर्जी के बिना संबंध नहीं बना सकता अगर ऐसा करेगा तो उसके सिर के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे और उसकी मृत्यु हो जाएगी।

नवां रहस्य

रावण की नाभि में अमृत था। इसी कारण से रावण का एक सिर कटने के बाद पुनः दूसरा सिर आ जाता था और वह जीवित हो जाता था।

दसवां रहस्य

वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण के रथ में अश्व नहीं ब्लकि गधे जुते हुए रहते थे।

 

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