आज यानी 10 जुलाई को सावन का प्रथम सोमवार हैं जो कि शिव पूजा के लिए विशेष दिन माना जाता हैं। सावन भर पड़ने वाले सोमवार को शिव भक्त भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं और उपवास भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं और भक्तों के सभी कष्टों व दुखों को दूर कर देते हैं।
इस दौरान शिवलिंग पूजा में जलाभिषेक का भी खास महत्व होता हैं ऐसा करने से साधक की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं अगर आप भी आज के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक कर रहे हैं तो इससे पहले जरूरी नियम जान लें। माना जाता हैं कि इन नियमों का पालन करते हुए अगर शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाए तो भगवान प्रसन्न हो जाते हैं और सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं, तो आज हम आपको जलाभिषेक करने से जुड़े नियम बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
जलाभिषेक के नियम—
अगर आप सावन सोमवार के दिन शिव मंदिर जाकर भगवान का जलाभिषेक कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें की आप पूर्व दिशा की ओर खड़े ना हो। क्योंकि अगर आप पूर्व दिशा की ओर खड़े होकर जलाभिषेक करते हैं तो आपका मुख दक्षिण दिशा की ओर होगा। जबकि दक्षिण दिशा को पूजा पाठ के लिए अच्छा नहीं माना जाता हैं इसके अलावा जल अर्पित करते समय साधक को हमेशा ही दक्षिण दिशा की ओर खड़े होना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपका मुख उत्तर में रहेगा।
जो कि देवी देवताओं की पूजा के लिए उत्तम दिशा मानी जाती हैं। साथ ही पश्चिम दिशा में खड़े होकर शिवलिंग का अभिषेक नहीं करना चाहिए। ज्योतिष अनुसार शिवलिंग का जलाभिषेक बैठकर या फिर झुक कर करना चाहिए। सीधे खड़े होकर भूलकर भी जलाभिषेक ना करें। इसे अच्छा नहीं माना जाता हैं। आप चाहे तो जलाभिषेक के लिए चांदी और कांसे के लोटे का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन तांब, स्टील के लोटे का इस्तेमाल वर्जित माना गया हैं।