15 जनवरी मकर संक्रांति के दिन दान का है खास महत्व

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है.

Update: 2021-12-25 13:08 GMT


जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है. मकर संक्रांति का पर्व देश के हर कोने में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है. पंजाब में इसे लोहड़ी, केरल में पोंगल, गुजरात में उत्तरायण, उत्तराखंड में उत्तरायणी और कई स्थानों खिचड़ी के नाम में मनाया जाता है. 2022 में मकर संक्रांति कब है, मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन दान का क्या महत्व है. इसे जानते हैं.
2022 में कब है मकर संक्रांति
2022 में मकर संक्राति 14 जनवरी को मनाई जाएगी. हिंदीं पंचांग के मुताबिक इस दिन पौष मास की द्वादशी तिथि है. 14 जनवरी 2022 को सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे. जब सूर्य मकर राशि में गोचर करता है तो मकर संक्रांति कहा जाता है. यह संक्रांति सबसे खास होती है क्योंकि इस अवसर पर सूर्यदेव दक्षिणायण से उत्तरायण होते हैं.
मकर संक्रांति 2022 शुभ मुहूर्त 
-मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल- दोपहर 02.43 से शाम 05.45 तक
-पुण्य काल की कुल अवधि- 03 घंटे 02 मिनट
-मकर संक्रांति के दिन महा पुण्यकाल - दोपहर 02.43 से 04:28 तक
-कुल अवधि - 01 घण्टा 45 मिनट
कर संक्रांति: दान का महत्व
सूर्यदेव की उपासना के लिए मकर संक्रांति का दिन उत्तम होता है. शास्त्रों में सूर्य को संसार का आत्मा माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते हैं. दरअसल शनि मकर राशि के स्वामी ग्रह है. इसलिए इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन उत्तरायण के वक्त किया गया दान सौ गुना अधिक फल देता है.


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