Kark Sankraanti : ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 16 जुलाई को कर्क संक्रांति है। यह पर्व सूर्य देव को समर्पित होता है। इस दिन सूर्य देव राशि परिवर्तित करते हैं। वर्तमान समय में सूर्य देव मिथुन राशि में विराजमान हैं और 16 जुलाई को मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे। सनातन शास्त्रों में सूर्य उपासना का विधान है। सूर्य देव की उपासना करने से साधक को आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है।
साथ ही करियर और मिलती है। कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर जातक को जीवन में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। साथ ही पिता जी के संबंध कटु हो जाते हैं। इसके लिए ज्योतिष पिता जी की सेवा और सम्मान करने की सलाह देते हैं। अगर आप भी सूर्य देव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो कर्क संक्रांति तिथि पर विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करें। पूजा के समय सूर्य चालीसा का पाठ और सूर्य मंत्र का जप करें। कारोबार में मन मुताबिक सफलता
वहीं, पूजा समापन के बाद साधक After completion of the Puja, the seeker इन चीजों का दान कर सकते हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 16 जुलाई को कर्क संक्रांति है। यह पर्व सूर्य देव को समर्पित होता है। इस दिन सूर्य देव राशि परिवर्तित करते हैं।
वर्तमान समय में सूर्य देव मिथुन राशि में विराजमान हैं और 16 जुलाई को मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे। सनातन शास्त्रों में सूर्य उपासना का विधान है। सूर्य देव की उपासना करने से साधक को आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है।
साथ ही करियर और कारोबार में मन मुताबिक Customised in businessसफलता मिलती है। कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर जातक को जीवन में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। साथ ही पिता जी के संबंध कटु हो जाते हैं। इसके लिए ज्योतिष पिता जी की सेवा और सम्मान करने की सलाह देते हैं।
अगर आप भी सूर्य देव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो कर्क संक्रांति तिथि पर विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करें। पूजा के समय सूर्य चालीसा का पाठ और सूर्य मंत्र का जप करें। वहीं, पूजा समापन के बाद साधक इन चीजों का दान कर सकते हैं।