अजा एकादशी व्रत में ये 5 काम करने से जीवन में आती है सुख-समृद्धि

अजा एकादशी व्रत 3 सितंबर 2021, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है

Update: 2021-09-03 13:08 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अजा एकादशी व्रत 3 सितंबर 2021, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 02 सितंबर को प्रात: 06 बजकर 21 मिनट से अगले दिन 03 सितंबर को प्रात: 07 बजकर 44 मिनट तक है। धार्मिक मान्यता है कि अजा एकादशी व्रत को करने से अश्वमेघ यज्ञ करने से ज्यादा पुण्य प्राप्त होता है। श्रीहरि की कृपा से व्यक्ति को मृत्यु के बाद उनके श्री चरणों में स्थान प्राप्त होता है। एकादशी तिथि स्वयं में बेहद महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की पूजा विधि-विधान से की जाती है। अजा एकादशी के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जातकों के जीवन में आर्थिक संपन्नता आती है और जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भाद्रपद कृष्ण की एकादशी के इन ये 5 कामों को जरूर करना चाहिए। 

1. एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर घर की साफ सफाई करें और सुबह उठकर स्नान ध्यान कर भगवान विष्णु के साथ मा लक्ष्मी की पूजा करें।

2. हमारे शास्त्रों में पीपल के पेड़ में देवताओं का निवास स्थान बताया गया है। भगवान को प्रसन्न करने के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए इस एकादशी पर पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जरूर जलाएं।

3. एकादशी के दिन शाम को घर के हर एक हिस्से में दीपक जरूर जलाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है जिसके कारण से आपके घर में कभी धन की कमी नहीं रहेगी।

4. एकादशी के मौके पर भगवान विष्णु को दक्षिणवर्ती शंख से गाय के दूध से अभिषेक करें। ऐसा करने से आपको भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

5. एकादशी तिथि के दिन चावल न खाएं। आज के दिन चावल खाना शुभ नहीं होता है। मान्यता के अनुसार एकादशी के दिन चावल खाने से प्राणी रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म पाता है।

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