पूर्णिमा पर जरूर करें भगवान सत्यनारायण की पूजा ...आप पर बनी रहेगी विष्णु जी की विशेष कृपा

माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की उदया तिथि 27 फरवरी की है। लेकिन पूर्णिमा का व्रत आज यानी 26 फरवरी को रखा जा रहा है।

Update: 2021-02-26 04:35 GMT

माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की उदया तिथि 27 फरवरी की है। लेकिन पूर्णिमा का व्रत आज यानी 26 फरवरी को रखा जा रहा है। इस दिन जातक व्रत करते हैं और शाम के समय चंद्र देवता को अर्घ्य देकर व्रत खोलते हैं। इस दिन स्नान, दीपदान और तुलसी पूजा का महत्व बेहद अत्याधिक होता है। कहा जा रहा है कि इस वर्ष पूर्णिमा पर उपछाया चंद्रग्रहण हो रहा है जिसके चलते महायोग सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।

ऐसे में इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा किए जाने का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, देवर्षि नारद ने स्वयं श्रीसत्यनारायण व्रत का वर्णन विष्णु जी को किया था। तो आइए जानते हैं पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा का क्या महत्व और इसका क्या महत्व है।

सत्यनारायण व्रत का महत्व:
विष्णु जी का स्वरूप ही भगवान श्री सत्यनारायण को माना जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार, पूर्णिमा के दिन अगर सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाए तो उसे विष्णु जी की विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन सत्यनारायण की कथा पढ़नी चाहिए। इसके बाद सभी में प्रसाद वितरित करना चाहिए। पूर्णिमा के दिन इनकी पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में धनात्मक उर्जा का संचार भी होता है।
सत्यानारायण कथा के लाभ:
कथा को सुनने या पढ़ने से व्यक्ति धन-धान्य से भरपूर हो जाता है।
आर्थिक संसाधनों जैसे घर या जमीन में बढ़ोत्तरी होती है।
बृहस्पति ग्रह के प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
कथा को सुनने या पढ़ने से व्यक्ति को सिद्धि प्राप्त होती है।


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