ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन रामनवमी को बेहद की खास माना जाता है जो कि चैत्र मास की नवमी तिथि पर मनाई जाती है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी पावन दिन पर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। जिसे भक्तगण हर राम नवमी के तौर पर मनाते हैं इस दिन पूजा पाठ और व्रत आदि का विधान होता है इस साल रामनवमी का पावन पर्व 17 अप्रैल को मनाया जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रामनवमी के दिन श्रीराम, लक्ष्मी, सीता और हनुमान जी की आराधना करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि आती है लेकिन इसी के साथ ही अगर रामनवमी की पूजा के दौरान प्रभु राम की आरती का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो जीवन में कोई समस्या उत्पन्न नहीं होती है और वैवाहिक जीवन में भी मधुरता बनी रहती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान श्रीराम की आरती पाठ।
यहां पढ़ें भगवान राम की आरती—
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
छंद
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
।।सोरठा।।
जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।