वैशाख अमावस्या पर करें ये उपाय, मिलेगा पितृदोष से छुटकारा

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. इस दिन स्नान, दान- पुण्य और पितरों को तर्पण देने का विशेष महत्व है

Update: 2021-05-11 02:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. इस दिन स्नान, दान- पुण्य और पितरों को तर्पण देने का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, 11 मई 2021 को वैशाख अमावस्या पड़ रही है. इस दिन मंगलवार है इसलिए इसे भौम अमवस्या और सत्वारी अमावस्या कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि या एक दूसरे के समीप रहते है तो उसे भौम अमावस्या कहा जाता है. इस दिन चंद्रमा सूर्य मेष राशि में विराजमान रहेंगे.

पिृत पूजा करने का महत्व
आज वैशाख अमावस्या है. इस दिन पितरों की पूजा करने का विशेष महत्व होता है. जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है. उन्हें इस दिन पितरों की पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि चावल से बने पिंड का दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं. ऐसा करने से आपकी कुंडली से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है. इसकी वजह से शादी विवाह, जॉब, बिजनेस आदि में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है.
स्नान और दान पुण्य करें
अमावस्या के दिन सुबह- सुबह पवित्र नदी में स्नान करने के बाद गरीबों में दान- पुण्य करना चाहिए. इस दिन दान देने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है. वैशाख महीने की एकादशी, पूर्णमासी और अमावस्या तिथि को पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है, हालांकि कोरोनावायरस की वजह से घर पर ही रहें और नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें. ऐसा करने से पवित्र नदियों में स्नान करने के समान फल मिलेगा.
शुभ मुहूर्त
वैशाख अमावस्या के दिन सौभाग्य और शोभन योग बना रहा है. 11 मई को सौभाग्य योग रात 10 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इसके बाद शोभन योग लग जाएगा. इसके साथ सवार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. 11 मई को रात 11 बजकर 31 मिनट से अगले दिन 12 मई की सुबह 5 बजकर 32 मिनट पर सेवार्थ सिद्धि योग बनेगा. ये तीनों योग बेहद शुभ होते हैं. इस योग में किसी भी कार्य को करने से सफलता मिलती है


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