आज एकादशी पर करें यह उपाय, हर मुश्किल हो जाएगी दूर

भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी या पद्मा एकादशी कहा जाता है। इस पावन दिन भगवान श्री हरि विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु निंद्रा में करवट लेते हैं।

Update: 2022-09-06 03:50 GMT

भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी या पद्मा एकादशी कहा जाता है। इस पावन दिन भगवान श्री हरि विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु निंद्रा में करवट लेते हैं। करवट बदलने से भगवान का स्थान परिवर्तन होता है, इसलिए इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार एकादशी की पावन तिथि पर हमें कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं इनके बारे में।

एकादशी व्रत में हर पल भगवान श्री हरि विष्णु का ध्यान करें। व्रत में सात्विकता का पूरी तरह पालन करें। इस दिन स्वयं पर संयम रखें। पूरा दिन पूजा-पाठ में व्यतीत करें। यह व्रत मां लक्ष्मी का शुभ व्रत है, इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें। इस दिन अपनी वाणी में कठोर शब्दों का इस्तेमाल न करें। शाम को शयन न करें। इस दिन जरूरतमंदों को दान अवश्य दें। संभव हो तो गंगा स्नान करें। एकादशी के दिन व्रत रखने से धन, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है और पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत में रात्रि जागरण करें और भगवान का भजन कीर्तन करें। एकादशी पर शाम के समय गाय के घी का दीया घर के उत्तर पूर्व दिशा में जलाएं। एकादशी पर घर में पौधे रोपें। विवाह संबंधी संकट दूर करने के लिए इस दिन केले के पेड़ की जड़ में दीया जलाएं। एकादशी के दिन घर की छत पर गेंदे के फूल का पौधा लगाएं। पीला ध्वजा लगाएं। मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा के साथ एकादशी का व्रत रखता है उसके समस्त पापों का नाश होता है और उसका स्वास्थ्य भी उत्तम बना रहता है। एकादशी के दिन घर में तुलसी के पौधे की सेवा करें।


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