Sharad Purnima ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। पूर्णिमा तिथि माता लक्ष्मी को समर्पित होती है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन पूजा पाठ और व्रत करना लाभकारी होता है।
पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है इसी दिन माता लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुई थी। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन देवी साधना करने से धन धान्य की कमी नहीं रहती है और जीवन में खुशहाली आती है। शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा धरती के सबसे करीब होता है, इस साल शरद पूर्णिमा का त्योहार 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा पाठ और व्रत के साथ ही अगर खीर के कुछ आसान उपायों को किया जाए तो लाभ मिलता है और भगवान चंद्र देव की भी कृपा बरसती है तो आज हम आपको इन्हीं उपायों के बारे में बता रहे हैं।
खीर के आसान उपाय—
शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें इसके बाद देवी मां को चावल की खीर का भोग लगाएं और इसे आकाश के नीचे चंद्रमा की रौशनी में रख दें। अगली सुबह स्नान आदि करने के बाद पूजा पाठ करें फिर इस खीर को प्रसाद के तौर पर ग्रहण करें माना जाता है कि इस खीर का सेवन करने से तन और मन दोनों निरोगी हो जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना गया है और चंद्रमा औषधियों का स्वामी भी है ऐसे में शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है साथ ही धरती के सबसे निकट भी होता है और और अपनी औषधियुक्त दिव्य किरणों को पृथ्वी पर बरसाता है। चंद्रमा की ये दिव्य किरणें मनुष्य पर जब पड़ती है तो उसे मन की शांति और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।