Tulsi vivah ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन तुलसी विवाह को बहुत ही खास माना जाता है जो कि बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह का पावन पर्व मनाया जाता है
इस दिन वृंदा यानी तुलसी का विवाह शालिग्राम से कराया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और दांपत्य जीवन खुशहाल बना रहता है और सुख समृद्धि आती है। इस दिन उपवास भी किया जाता है। इसके अलावा मंदिरों और घरों में तुलसी विवाह समारोह का भी आयोजन किया जाता है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत के साथ ही कुछ उपायों को भी करना लाभकारी होता है तो आज हम आपको तुलसी विवाह के अचूक उपाय बता रहे हैं।
तुलसी विवाह की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि का आरंभ 12 नवंबर को शाम 4 बजकर 4 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी की 13 नवंबर दिन बुधवार को दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार तुलसी विवाह का पावन पर्व इस साल 13 नवंबर को मनाया जाएगा। तुलसी विवाह के दिन पूजा और विवाह का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 1 मिनट तक ही रहेगा।
तुलसी विवाह के अचूक उपाय—
आपको बता दें कि तुलसी विवाह के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जरूर जलाएं माना जाता है कि ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर हो जाती है और सुख समृद्धि घर में वास करती है। इसके अलावा तुलसी विवाह पर तुलसी जी को सोलाह श्रृंगार की सामग्री जरूर अर्पित करें ऐसा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है साथ ही दांपत्य जीवन से क्लेश खत्म हो जाता है। महालक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए तुलसी विवाह के दिन गोधूली बेला में घी का दीपक जलाएं और तुलसी के पौधे की सात बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से धन की कमी दूर हो जाती है और खुशियां आती है।