Sawan में रोज़ सुबह पूजा के दौरान करें ये काम, मिलेगा आशीर्वाद

Update: 2024-07-24 12:56 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में हर महीने को महत्वपूर्ण बताया गया है लेकिन सावन का महीना सबसे अधिक खास होता है जो कि शिव का प्रिय महीना माना गया है इस पूरे महीने भक्त भगवान शिव की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की असीम कृपा बरसती है इस बार सावन का आरंभ 22 जुलाई दिन सोमवार से हो चुका है और समापन 19 अगस्त को हो जाएगा।
 सावन के महीने में रोजाना सुबह शिव पूजा
करें साथ ही प्रभु के चमत्कारी शिव रुद्र अष्टकम स्तोत्र का पाठ करें माना जाता है कि ऐसा करने से भोलेनाथ की असीम कृपा प्राप्त होती है और जीवन की परेशानियां दूर हो जाती हैं, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं यह चमत्कारी पाठ।
 शिव रूद्र अष्टकम
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं।
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम ।।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेअहम ।।
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं।
गिरा घ्य़ान गोतीतमीशं गिरीशम ।।
करालं महाकाल कालं कृपालं।
गुणागार संसारपारं नतोअहम ।।
तुश्हाराद्रि संकाश गौरं गभीरं।
मनोभूत कोटिप्रभा श्री शरीरम ।।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गङ्गा।
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ।।
चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं।
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम ।।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं।
प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ।।
प्रचण्डं प्रकृश्ह्टं प्रगल्भं परेशं।
 अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम ।।
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं भजे।
अहं भवानीपतिं भावगम्यम ।।
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी।
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।।
चिदानन्द संदोह मोहापहारी।
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।।
न यावत.ह उमानाथ पादारविन्दं।
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम ।।
न तावत.ह सुखं शान्ति सन्तापनाशं।
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम ।।
न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतो।
अहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम ।।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं।
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो ।।
रुद्राश्ह्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोश्हये ।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेश्हां शम्भुः प्रसीदति ।।
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं।
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम ।।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेअहम ।।
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