Ashadh Amavasya पर कर लें ये आसान काम, पितृ होंगे प्रसन्न

Update: 2024-07-05 07:50 GMT
Ashadh Amavasya ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या मनाई जाती है जो कि बहुत ही खास होती है इस दिन को स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप के लिए विशेष माना गया है इस दिन माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है इसके अलावा अमावस्या तिथि के देवता पितरों को माना गया है ऐसे में इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का विधान होता है।
इस बार आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई दिन शुक्रवार यानी की आज मनाई जा रही है। इस
खास मौके पर पवित्र नदी
में स्नान करने व दान देने से विशेष लाभ मिलता है। इसके अलावा आज के दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा अर्चना की जाती है ऐसे में अगर आप आज पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं तो पूजा के दौरान उनकी आरती जरूर पढ़ें तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, पितर देव की आरती।
 पितर देव की आरती
जय जय पितर जी महाराज,
मैं शरण पड़ा तुम्हारी,
शरण पड़ा हूं तुम्हारी देवा,
रख लेना लाज हमारी,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।
आप ही रक्षक आप ही दाता,
आप ही खेवनहारे,
मैं मूरख हूं कछु नहिं जानू,
आप ही हो रखवारे,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।
आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी,
करने मेरी रखवारी,
हम सब जन हैं शरण आपकी,
है ये अरज गुजारी,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।
देश और परदेश सब जगह,
आप ही करो सहाई,
काम पड़े पर नाम आपके,
लगे बहुत सुखदाई,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।
भक्त सभी हैं शरण आपकी,
अपने सहित परिवार,
रक्षा करो आप ही सबकी,
रहूं मैं बारम्बार,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।
जय जय पितर जी महाराज,
मैं शरण पड़ा हू तुम्हारी,
शरण पड़ा हूं तुम्हारी देवा,
रखियो लाज हमारी,
जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।
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