सनातन धर्म में तुलसी को लेकर कई तरह के नियमों की बात की गई है. तुलसी को बहुत पवित्र और पजूनीय स्थान प्राप्त है. कहते हैं कि तुलसी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और धन वैभव की प्राप्ति होती है. तुलसी पूजा को लेकर शास्त्रों में कई नियम बताए गए हैं. कहते हैं कि इन नियमों का पालन करने पर ही मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्तों के घर में वास करती हैं.
तुलसी पूजन का महत्व कार्तिक माह में और ज्यादा बढ़ जाता है. इस माह अगर विधि-विधान से पूजा कर ली जाए, तो सालभर घर में तुलसी हरी-भरी रहती है. और आपको उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. तुलसी विवाह के दिन कुछ खास उपाय कर लिए जाएं, तो तुलसी मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है. आइए जानें तुलसी विवाह के दिन क्या उपाय करने से सालभर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.
तुलसी विवाह के दिन करें ये उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी विवाह 5 नवंबर तुलसी एकादशी के दिन होगा. इस दिन तुलसी पर शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं और ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का 11, 21, 51 या 101 बार जाप करें. इससे मां तुलसी प्रसन्न होती हैं और घर में हमेशा हरी-भरी रहती हैं. साथ ही, उनकी कृपा से जातकों के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
अगर आप घर में तुलसी लाने की सोच रहे हैं, तुलसी विवाह के लिए घर में लाना श्रेष्ठ माना गया है. इस दिन घर में तुलसी रोपण करने के बाद उनसे सालभर हरी-भरी रहने की प्रार्थना करें. इसके साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखें कि तुलसी के आसपास कोई कांटेदार पौधा या कैक्ट्स नहीं होना चाहिए. साथ ही, झाड़ू या डस्टबिन भी तुलसी के पास नहीं होना चाहिए.
तुलसी विवाह के बाद घर में तुलसी मंगलाष्टक मंत्र' ऊं श्री मत्पंकजविष्टरो हरिहरौ, वायुमर्हेन्द्रोऽनलः। चन्द्रो भास्कर वित्तपाल वरुण, प्रताधिपादिग्रहाः।प्रद्यम्नो नलकूबरौ सुरगजः, चिन्तामणिः कौस्तुभः, स्वामी शक्तिधरश्च लांगलधरः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥1 गंगा गोमतिगोपतिगर्णपतिः, गोविन्दगोवधर्नौ, गीता गोमयगोरजौ गिरिसुता, गंगाधरो गौतमः । गायत्री गरुडो गदाधरगया, गम्भीरगोदावरी, गन्धवर्ग्रहगोपगोकुलधराः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥2 नेत्राणां त्रितयं महत्पशुपतेः अग्नेस्तु पादत्रयं, तत्तद्विष्णुपदत्रयं त्रिभुवने, ख्यातं च रामत्रयम् । गंगावाहपथत्रयं सुविमलं, वेदत्रयं ब्राह्मणम्, संध्यानां त्रितयं द्विजैरभिमतं, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥3
बाल्मीकिः सनकः सनन्दनमुनिः, व्यासोवसिष्ठो भृगुः, जाबालिजर्मदग्निरत्रिजनकौ, गर्गोऽ गिरा गौतमः । मान्धाता भरतो नृपश्च सगरो, धन्यो दिलीपो नलः, पुण्यो धमर्सुतो ययातिनहुषौ, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥4गौरी श्रीकुलदेवता च सुभगा, कद्रूसुपणार्शिवाः, सावित्री च सरस्वती च सुरभिः, सत्यव्रतारुन्धती ।स्वाहा जाम्बवती च रुक्मभगिनी, दुःस्वप्नविध्वंसिनी, वेला चाम्बुनिधेः समीनमकरा, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥5गंगा सिन्धु सरस्वती च यमुना, गोदावरी नमर्दा, कावेरी सरयू महेन्द्रतनया, चमर्ण्वती वेदिका ।शिप्रा वेत्रवती महासुरनदी, ख्याता च या गण्डकी, पूर्णाः पुण्यजलैः समुद्रसहिताः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥6लक्ष्मीः कौस्तुभपारिजातकसुरा, धन्वन्तरिश्चन्द्रमा, गावः कामदुघाः सुरेश्वरगजो, रम्भादिदेवांगनाः ।अश्वः सप्तमुखः सुधा हरिधनुः, शंखो विषं चाम्बुधे, रतनानीति चतुदर्श प्रतिदिनं, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥7ब्रह्मा वेदपतिः शिवः पशुपतिः, सूयोर् ग्रहाणां पतिः, शुक्रो देवपतिनर्लो नरपतिः, स्कन्दश्च सेनापतिः ।विष्णुयर्ज्ञपतियर्मः पितृपतिः, तारापतिश्चन्द्रमा, इत्येते पतयस्सुपणर्सहिताः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥8 इति मंगलाष्टक समाप्त' का जाप करें. ऐसा करने से घर में तुलसी का पौधा हमेशा हरा-भरा रहेगा. मां लक्ष्मी आपसे हमेशा प्रसन्न रहेगी.
तुलसी विवाह के दिन तुलसी की सुबह-शाम विधिवत्त पूजा करें. शाम के समय शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं और मां तुलसी की आरती, मंत्र जाप करें.