शनि जयंती पर करें ये आसान उपाय, आपकी मनोकामना होगी पूरी
शनि देव का जन्म ज्येष्ठ अमावस्या को हुआ था, इसलिए हर वर्ष शनि जयंती इस तिथि को मनाई जाती है. इस वर्ष शनि जयंती 30 मई दिन सोमवार को है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट कहते हैं
शनि देव का जन्म ज्येष्ठ अमावस्या को हुआ था, इसलिए हर वर्ष शनि जयंती (Shani Jayanti) इस तिथि को मनाई जाती है. इस वर्ष शनि जयंती 30 मई दिन सोमवार को है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट कहते हैं कि इस दिन सोमवती अमावस्या और वट सावित्री व्रत का सुंदर संयोग बना है. शनि जयंती के अवसर पर शनि देव की पूजा की जाती है ताकि वे प्रसन्न होकर अपनी कृपा भक्तों पर करें. इससे उनके कष्ट, दुख, रोग, दोष आदि दूर होंगे. साढ़ेसाती और ढैय्या में शनि की पीड़ा कम होता है, राहत मिलती है और कुंडली का शनि दोष भी शांत होता है. समयाभाव के कारण शनि देव की पूजा विधि विधान से नहीं कर पाते या शनि मंत्रों का जाप नहीं कर सकते हैं, तो भी आप इन दो आसान उपायों से शनि देव को प्रसन्न कर सकते हैं.
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शनि जयंती के दिन आप स्नान आदि से निवृत होकर शनि देव को मन ही मन स्मरण कर लें. उसके बाद शनि चालीसा का पाठ करें और तिल के तेल या सरसों के तेल वाले दीपक से शनि महाराज की आरती करें. शनि चालीसा और शनि आरती में कर्मफलदाता शनि देव की महिमा और गुणों का बखान किया गया है. इसे माध्यम से आप शनि देव को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.