इंदिरा एकादशी पर करें ये आसान उपाय, आपके जीवन से दूर होगा पितृदोष
अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पितर पक्ष में पड़ने के कारण इंदिरा एकादशी व्रत का विशेष महत्व है।
अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पितर पक्ष में पड़ने के कारण इंदिरा एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु का व्रत और पूजन करने से पितरों को अधोगति से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही इंदिरा एकादशी का दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी सर्वोत्म है। पंचाग के अनुसार इस साल इंदिरा एकादशी का व्रत 02 अक्टूबर, दिन शनिवार को पड़ रहा है। इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप का पूजन करने का विधान है। आइए जानते हैं इंदिरा एकादशी के दिन पितृदोष से मुक्ति पाने के क्या हैं उपाय....
1-इंदिरा एकादशी के दिन जिन लोगों की कुण्डली में पितृ दोष व्याप्त हो उन्हें भगवान शलिग्राम का पूजन करना चाहिए। इस दिन विधि पूर्वक व्रत रख कर शालिग्राम को पूजन में पीले फूल, वस्त्र और हल्दी मिला हुआ जल अर्पित करें, पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
2- इंदिरा एकादशी के दिन उरद की दाल के बरे और पूरियां बनाए। एक कण्डें को जला कर उस पर पूरी और बरा पितरों को अर्पित कर दें तथा पास में एक पात्र में भर कर जल भी जरूर रखें। ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
3- पितरों का का श्राद्ध भय से नहीं बल्कि मन और स्वेच्छा से करना चाहिए। इस कारण ही पितृ दोष का भय सताता है। इंदिरा एकादशी के दिन पितृ सूक्त या गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करें, पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
4- इंदिरा एकादशी को शाम के समय तुलसी के समीप शुद्ध घी का दीपक जाला कर, ऊँ वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें और तुलसी की 11 बार परिक्रमा करें। घर में सुख और शांति का आगमन होता है और पितृ दोष भी समाप्त होता है।
5- इस दिन पीपल या तुलसी का पौधा लगाने और उसमें नियमित रूप से जल चढ़ाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।