गायत्री जयंती के अवसर पर करें ये आरती, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है। इस साल गायत्री जयंती 11 जून 2022, दिन शनिवार को है

Update: 2022-06-06 08:12 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है। इस साल गायत्री जयंती 11 जून 2022, दिन शनिवार को है। इस दिन मां गायत्री की विशेष आराधना की जाती है। धर्म शास्त्रों में मां गायत्री को वेद माता के नाम से जाना जाता है। इस दिन विधि विधान से पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है और तनाव दूर होता है। कहा जाता है कि जिन लोगों पर मां गायत्री की कृपा होती है उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसे में विशेष कृपा पाने के लिए गायत्री जयंती के पावन अवसर पर आप मां गायत्री की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करें और गायत्री मंत्र का जाप करें, उसके बाद पूजा का समापन गायत्री माता की आरती से करें। इससे आपके सारे दुख दर्द दूर होंगे। यहां हिंदी में गायत्री मां की आरती और मंत्र दिए जा रहे हैं, यहां से आप इन्हें पूजा के दौरान पढ़ सकते हैं....

गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
गायत्री माता की आरती
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता ।
सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥ जयति जय गायत्री…
आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक कर्त्री।
दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री॥ जयति जय गायत्री…
ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे।
भव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे॥ जयति जय गायत्री…
भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि।
अविकारी, अखहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी॥ जयति जय गायत्री…
कामधेनु सतचित आनन्द जय गंगा गीता।
सविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता॥ जयति जय गायत्री…
ऋग, यजु साम, अथर्व प्रणयनी, प्रणव महामहिमे।
कुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन शोभा गुण गरिमे॥ जयति जय गायत्री…
स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी राधा रुद्राणी।
जय सतरूपा, वाणी, विद्या, कमला कल्याणी॥ जयति जय गायत्री…
जननी हम हैं दीन-हीन, दु:ख-दरिद्र के घेरे।
यदपि कुटिल, कपटी कपूत तउ बालक हैं तेरे॥ जयति जय गायत्री…
स्नेहसनी करुणामय माता चरण शरण दीजै।
विलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै॥ जयति जय गायत्री…
काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये।
शुद्ध बुद्धि निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये॥ जयति जय गायत्री…
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता।
सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥
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