आय और सौभाग्य खूब वृद्धि के लिए करें ये काम

Update: 2024-04-26 08:29 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अर्चना को समर्पित होता है वही शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी और शुक्र देव की पूजा के लिए खास माना गया है इस दिन भक्त देवी मां की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से देवी मां की असीम कृपा बरसती है और कष्टों का निवारण हो जाता है ज्योतिष अनुसार अगर किसी जातक की कुंडली का शुक्र कमजोर है और वह अशुभ फल प्रदान कर रहा है तो ऐसे में आज को भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति नहीं होती है साथ ही साथ अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
 वही अगर आप अपने शुक्र को मजबूत शुभ फलों की प्राप्ति करना चाहते हैं तो ऐसे में हर शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें साथ ही साथ शुक्र देव के चमत्कारी मंत्रों का जाप जरूर करें माना जाता है कि ऐसा करने से लाभ मिलता है और परेशानियां दूर हो जाती हैं।
 शुक्र वैदिक मंत्र
ऊँ अन्नात्परिस्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत क्षत्रं पय: सेमं प्रजापति:।।
शुक्र तांत्रिक मंत्र
ऊँ ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:
ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:
ऊँ वस्त्रं मे देहि शुक्राय स्वाहा।।
शुक्र बीज मंत्र
ऊँ शुं शुक्राय नम:
शुक्र मंत्र
ऊँ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम ।।
शुक्र गायत्री मंत्र
“ॐ भृगुराजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र प्रचोदयात्” ।।
 शुक्र ग्रह कवच
मृणालकुन्देन्दुषयोजसुप्रभं पीतांबरं प्रस्रुतमक्षमालिनम् ।
समस्तशास्त्रार्थनिधिं महांतं ध्यायेत्कविं वांछितमर्थसिद्धये ॥
ॐ शिरो मे भार्गवः पातु भालं पातु ग्रहाधिपः ।
नेत्रे दैत्यगुरुः पातु श्रोत्रे मे चन्दनदयुतिः ॥
पातु मे नासिकां काव्यो वदनं दैत्यवन्दितः ।
जिह्वा मे चोशनाः पातु कंठं श्रीकंठभक्तिमान् ॥
भुजौ तेजोनिधिः पातु कुक्षिं पातु मनोव्रजः ।
नाभिं भृगुसुतः पातु मध्यं पातु महीप्रियः॥
कटिं मे पातु विश्वात्मा ऊरु मे सुरपूजितः ।
जानू जाड्यहरः पातु जंघे ज्ञानवतां वरः ॥
गुल्फ़ौ गुणनिधिः पातु पातु पादौ वरांबरः ।
सर्वाण्यङ्गानि मे पातु स्वर्णमालापरिष्कृतः ॥
य इदं कवचं दिव्यं पठति श्रद्धयान्वितः ।
न तस्य जायते पीडा भार्गवस्य प्रसादतः ॥
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