हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है इस बार भाद्रपद मास का आखिरी प्रदोष व्रत 27 सितंबर दिन बुधवार यानी आज रखा जा रहा है प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ने से इसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है इस दिन भक्त भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर का व्रत आदि भी रखते हैं।
मान्यता है कि ऐसा करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है लेकिन इसी के साथ ही अगर आज शिव पूजा में प्रभु की स्तुति का पाठ सच्चे मन से किया जाए तो राजसी वैभव और बेशुमार धन की प्रापित होती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये चमत्कारी पाठ।
श्री शिव स्तुति—
धन्य धन्य भोलानाथ बाँट दिये तीनों लोक पल भर में ।
ऐसा दीन दयाल मेरे शम्भू भरो खजाना पल भर में ॥
प्रथम वेद तो ब्रह्मा को दे दिया बने वेद के अधिकारी ।
विष्णु को दिया चक्र सुदर्शन लक्ष्मी सी सुन्दर नारी ॥
इन्द्र को दिया कामधेनु और ऐरावत सा बलकारी ।
कुबेर को कर दिया आपने सारी सम्पत्ति का अधिकारी ॥
अपने पास पात्र नहीं रखा, मग्न रहे बाघाम्बर में ।
। ऐसे दीनदयाल मेरे शम्भू, भरो खजाना पल भर में ॥
अमृत तो देवताओं को दे दिया, आप हलाहल पान किया ।
ब्रह्म ज्ञान दे दिया उसी को, जिसने शिव तेरा ध्यान किया ॥
भागीरथ को दे दी गंगा, सब जग ने स्नान किया ।
बडे बडे पापियों को तारा, पलभर में कल्याण किया ॥
आप नशे में मस्त रहो, पियो भंग नित खप्पर में ।
ऐसे दीन दयाल मेरे शम्भू, भरो खजाना पल भर में ॥
लंका तो रावण को दी, बीस भुजा दस शीश दिए ।
रामचन्द्र को धनुष बाण, और हनुमत को जगदीश दिये ॥
मनमोहन को दे दी मोहनी, और मुकुट बख्शीश दिए ।
मुक्त हुए काशी के वासी, भक्ति में जगदीश दिए ॥
वीणा तो नारद को दे दी, हरि भजन को राग दिया ।
ब्राह्मण को कर्मकाण्ड, और सन्यासी को त्याग दिया ॥
जिस पर तुमरी कृपा भई, उसी को अनगन राग दिया ।
है जिसने ध्याया उसी ने पाया महादेव तेरे वर में ॥