मासिक कालाष्टमी पर करें ये उपाय, क्लेश से मिलेगी मुक्ति

Update: 2024-04-25 13:49 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन मासिक कालाष्टमी को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाई जाती है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने का विधान होता है कालाष्टमी की तिथि भगवान शिव के रौद्र स्वरूप भगवान काल भैरव को समर्पित है
 इस दिन पूजा पाठ और व्रत के साथ ही अगर कालभैरव अष्टकम का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो जीवन की नकारात्मकता दूर हो जाती है और दुख क्लेश व संकट से छुटकारा मिलता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये चमत्कारी पाठ, तो आइए जानते हैं।
 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कालाष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर भगवान भैरव की विधिवत पूजा करें साथ ही कालभैरव अष्टकम का पाठ करे।
 काल भैरव अष्टकम्
देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं
व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्।
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं
नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम्।
कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं
श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम्।
भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं
भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम्।
विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं
कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम्।
स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं
नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम्।
मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं
दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम्।
अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं
काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम्।
नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥
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