पितरों को प्रसन्न करने के लिए करे ये उपाय

हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। हर वर्ष यह भाद्रपद मास में आरम्भ होता है और अमावस्या के दिन समाप्त हो जाता है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष की अवधि में पितर अर्थात पूर्वज धरती पर अपने वंशजो के संग समय बिताने के लिए आते हैं

Update: 2022-09-16 06:21 GMT

हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। हर वर्ष यह भाद्रपद मास में आरम्भ होता है और अमावस्या के दिन समाप्त हो जाता है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष की अवधि में पितर अर्थात पूर्वज धरती पर अपने वंशजो के संग समय बिताने के लिए आते हैं और श्राद्ध क्रिया से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं। इस वर्ष पितृ पक्ष 10 सितम्बर (Pitru Paksha 2022 Date) से शुरू हो चूका है और इसका समापन 25 सितम्बर को होगा। बता दें कि वास्तु शास्त्र में पितृपक्ष से जुड़े कुछ उपाय बताए गए हैं जिनका पालन करने से पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त होती है।

पितरों की तस्वीर लगाते समय रखें इस बात का ध्यान 

पितरों कि तस्वीर लगाते समय दिशा का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। इस बात का ध्यान न रखने से पितृ दोष का खतरा बढ़ जाता है और जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। साथ ही घर में नकारात्मकता बढ़ जाती है और परिवार के सदस्यों पर कलह, धन हानि, शत्रु से हार जैसी स्तिथि पैदा हो जाती है। ऐसे में इन परिस्थितियों से बचने के लिए पितरों की तस्वीर घर के दक्षिण दिशा में लगानी चाहिए। इस दिशा में तस्वीर लगाने से पितरों के साथ-साथ देवता भी प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इसके साथ वास्तु शास्त्र में बताया गया घरों में पितरों की तस्वीर लगाने से और उनकी पूजा व पुष्प-माला अर्पित करने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

घर के इन जगहों पर तस्वीर लगाना हो सकता है खतरनाक

वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा स्थल, बैडरूम या किचन में पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। इससे वास्तु दोष का खतरा बढ़ जाता है और घर में परेशानियां बढ़ सकती हैं।


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