हनुमान जयंती के मौके पर करें ये उपाय दूर होंगे संकट

Update: 2024-04-23 10:03 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है लेकिन हनुमान जयंती को बेहद ही खास माना गया है जो कि हनुमान पूजा आराधना को समर्पित होती है इस दिन भक्त हनुमान जी की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा बरसती है अभी चैत्र मास चल रहा है और इस माह की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जयंती का पावन पर्व मनाया जाता है इस बार हनुमान जयंती 23 अप्रैल दिन मंगलवार यानी की आज मनाई जा रही है।
इसी शुभ दिन पर भगवान हनुमान का जन्म हुआ था ऐसे में आज के दिन भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा बरसती है इसी के साथ ही अगर पूजा पाठ के दौरान हनुमान जी की प्रिय आरती और मंत्रों का जाप किया जाए तो भगवान अपने भक्तों से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और उनका कल्याण करते हैं, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं हनुमान जी की आरती।
 ॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥
॥ आरती ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
 आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥
स्वास्थ्य सुरक्षा मंत्र
नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा
संकट दूर करने का मंत्र
ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
मनोकामना पूर्ण करने का मंत्र
ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये। नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।
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