मासिक दुर्गाष्टमी पर ऐसे करें पूजा, पढ़ें ये व्रत कथा
आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। हर माह आज की तिथि पर मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत और पूजन किया जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेसक | आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। हर माह आज की तिथि पर मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत और पूजन किया जाता है। आज के दिन दुर्गा मां की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। साथ ही मां की कृपा हमेशा भक्तों पर बनी रहती है। मासिक दुर्गाष्टमी पर पूजा कैसे की जाए इसकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं। साथ ही पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ भी जरूर करना चाहिए। इसलिए हम आपको व्रत कथा भी बता रहे हैं।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत विधि:
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाना चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल को गंगाजल डालकर उसे शुद्ध कर लें। इसके बाद एक चौकी यानी लकड़ी का पाटा लें और उस पर लाल वस्त्र बिछाएं। इस पर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। फिर उन्हें अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प चढ़ाएं। मां को प्रसाद चढ़ाएं। इसमें आप फल और मिठाई कुछ भी चढ़ा सकते हैं। मां के समक्ष धूप और दीपक जलाएं। फिर दुर्गा चालीसा का पाठ करें। मां की आरती करें। मां से हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि आपकी इच्छा पूरी हो।
दुर्गाष्टमी की व्रत कथा:
पौराणिक कथाओं के अनुसार, पृथ्वी पर असुर सदियों पर बेहद शक्तिशाली हो गए थे। वे स्वर्ग पर आधिपत्य स्थापित करने के लिए चढ़ाई करने लगे थे। उन्होंने कई देवताओं को मार डाला था। स्वर्ग में तबाही मचा दी थी। इन्हीं असुरों में एक सबसे शक्तिशाली असुर महिषासुर था। इसका वध करने के लिए ब्रह्मा-विष्णु-महेश ने शक्ति स्वरूप देवी दुर्गा को बनाया। देवी दुर्गा को हर देवता ने अपने-अपने विशेष हथियार दिए। मां दुर्गा ने असुरों का संहार किया। असुरों की सेना से युद्ध करने के बाद मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया। तब से दुर्गा अष्टमी का पर्व किया जाना शुरू हुआ।