ऐसे समय में भूल कर भी ना करें हनुमान जी की पूजा

Update: 2023-06-09 13:47 GMT
आज हम आपको कुछ ऐसी अवस्थाएँ बताने जा रहे हैं जब हनुमान जी के प्रति आस्था होने पर भी पूजा नहीं करनी चाहिए। तो आइये जानते हैं किस समय हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए।
* पीरियड्स के दौरान
महिलाएं जब रजस्वला अवस्था में हों तो उन्हें हनुमानजी सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा भी नहीं करनी चाहिए। यहां तक कि उनकी छाया भी हनुमानजी की प्रतिमा या चित्र पर नहीं पड़नी चाहिए। अगर ऐसा संभव न हो तो रजस्वला अवस्था के दौरान घर के मंदिर पर परदा डाल देना चाहिए।
* बिना स्नान किए
हनुमानजी सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा बिना स्नान किए नहीं करना चाहिए। धर्म ग्रंथों में भी सुबह स्नान करने के बाद ही देवताओं की पूजा करने का विधान है। बिना स्नान किए हनुमानजी की प्रतिमा को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए। इसके नकारात्मक परिणाम भविष्य में देखने को मिल सकते हैं।
* शवयात्रा से आने के बाद
शवयात्रा से आने के बाद बिना शुद्ध हुए यानी बिना नहाए किसी भी देवी- देवता को स्पर्श नहीं करना चाहिए। यही नियम है। हनुमानजी की पूजा में भी इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
* अशुद्ध अवस्था में
कई लोग अशुद्ध अवस्था में भी हनुमानजी की पूजा कर लेते हैं जो कि बिल्कुल गलत है। अशुद्ध अवस्था से मतलब है यदि आप दिन भर काम करने के बाद घर आए हों तो आप अशुद्ध हैं क्योंकि पूरे दिन आप जितने लोगों से मिले, उनके बारे में आप नहीं जानते। इसलिए शाम को घर आकर पहले स्नान करने के बाद ही हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए।
* सूतक के दौरान
परिवार में जब किसी की मृत्यु हो जाए तो उत्तर कार्य (13 दिन तक) होने तक हनुमानजी की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस समय को सूतक कहते हैं।
* परिवार में संतान होने पर
परिवार में किसी के यहां संतान पैदा होने पर भी 10 दिन तक हनुमानजी व अन्य देवी-देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस समय के सुआ कहा जाता है।
* अस्वच्छ कपड़ों में
कुछ लोग स्नान के तुरंत बाद ही टॉवेल लपेटकर या इनरवियर में हनुमानजी की पूजा कर लेते हैं। ये हनुमानजी की पूजा का गलत तरीका है। हनुमानजी की पूजा करते समय शुद्धता का पूरा ख्याल रखना चाहिए। गंदे कपड़ों में भी हनुमानजी की पूजा नहीं करनी चाहिए।
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