Shree Ganesha को भूलकर भी न चढ़ाएं ये वस्तु

Update: 2024-07-14 12:35 GMT
Shree Ganesha: सनातन धर्म में गणेश पूजा का विशेष महत्व है। कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजन से होती है। कहते हैं कि गणेश जी की पूजा से व्यक्ति का हर बड़ा संकट टल जाता है। गणेश जी की आराधना के लिए बुधवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। कई बार लोग पूजा-पाठ के दौरान गलतियां कर बैठते हैं, जिस कारण उन्हें शुभ की जगह अशुभ परिणाम मिलने लगते हैं।
किन चीजों को भूलकर नहीं करना चाहिए अर्पित
ऐसे में आइए जानें वह कौन-सी चीजें हैं, जिन्हें भगवान गणेश को भूलकर भी अर्पित नहीं करना चाहिए..
1- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गणेश जी को पूजा के दौरान गेंदे के फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है। लेकिन उनकी पूजा में कभी भी केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से गणेश भगवान रुष्ठ हो सकते हैं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें, कि गणेश जी की पूजा के दौरान मन में गलत विचार न लाएं, वरना आप पूर्ण फल प्राप्ति से वंचित रह जाते हैं।
2- कहते है, गणेश जी की पूजा में अक्षत यानि चावल अर्पित किए जाते हैं। इसलिए अक्षत अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि ये टूटे हुए न हों। अक्षत को गणेश पर अर्पित करने से पहले थोड़ा गीला करके चढ़ाएं।
3- क्योंकि, भगवान गणेश का एक दांत टूटा हुआ हैं। इसलिए गीले चावल ग्रहण करना उनके लिए सहज होता है। गणपति को अक्षत अर्पित करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो जाती है।
4- धर्म शास्त्रों के अनुसार, कभी भी भगवान गणेश की पूजा में सफेद वस्त्र, सफेद जनेऊ और सफेद चंदन न चढ़ाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रमा ने भगवान गणेश का उपहास किया था, जिसके बाद गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप भी दिया था। सफेद रंग का संबंध चंद्रमा से होने की वजह से गणेश जी को सफेद चीजें नहीं अर्पित की जाती हैं।
5- भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन उन्हें कभी भी तुलसी के पत्ते अर्पित नहीं करने चाहिए। क्योंकि एक पौराणिक कथा में यह वर्णन मिलता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को श्राप दिया था। इसी वजह से गणेश जी की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
6- Astrologers के अनुसार,गणेश जी की पूजा में सूखे और बासी फूल भूलकर भी ना चढ़ाएं। सूखे हुए फूलों का प्रयोग करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से परिवार में दरिद्रता का वास होता है। इसलिए पूजा के दौरान गणेश जी को ताजे फूल ही अर्पित करें।
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