शालिग्राम की पूजा में न करें ये गलतियां, माँ लक्ष्मी का होगा गुस्सा

माँ लक्ष्मी का होगा गुस्सा

Update: 2022-08-04 14:14 GMT

ज्योतिष, हर कोई अपने जीवन में धन दौलत और समृद्धि की इच्छा रखता है इसके लिए वह माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना भी करता है जिससे देवी मां उस पर मेहरबान रहे और उसे जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति हो। मान्यताओं के अनुसार जिस घर में शालिग्राम की पूजा होती है वहां मां लक्ष्मी का वास होता है धार्मिक तौर पर शालिग्राम को भगवान श्री विष्णु का विग्रह स्वरूप माना जाता है

शालिग्राम काले रंग के गोल चिकने पत्थर के रूप में होते हैं जिन्हें तुलसी जी के पास रखकर पूजा पाठ करने का विधान है जहां पर भी शालिग्राम की पूजा आराधना होती है वहां धन वैभव और समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती है मगर शास्त्रों में शालिग्राम की पूजा को लेकर कुछ बातों के बारे में बताया गया है इनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है वरना भगवान श्री विष्णु के साथ साथ धन की देवी मां लक्ष्मी भी रूठ जाती है तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा शालिग्राम पूजन के नियम के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए शालिग्राम पूजा के नियम-
आपको बता दें श्री विष्णु के शालिग्राम रूप की पूजा बेहद ही लाभकारी है इनकी आराधना के लिए प्राण प्रतिष्ठा जरूरत नहीं होती है मगर जहां शालिग्राम की पूजा करते हैं वहां सफाई का ध्यान रखना जरूरी होता है वरना पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है घर में तनाव की स्थिति हमेशा ही बनी रहती है वही घर में तुलसी के गमले में शालिग्राम रखकर पूजा करना उत्तम माना जाता है रोजाना इनकी पूजा करें और ये क्रम कभी टूटना नहीं चाहिए शालिग्राम पूजा में तुलसी का पत्ता जरूर अर्पित करें ऐसा करना शुभ माना जाता है
वही इनकी पूजा में अक्षत का प्रयोग वर्जित माना गया है अगर चावल चढ़ा रहे हैं तो उसे हल्दी से रंग लें और फिर अर्पित करना चाहिए। शालिग्राम को कभी भी शादीशुदा लोगों से न तो लेना चाहिए और न ही उन्हें देना चाहिए ये अशुभ माना गया है किसी संत से शालिग्राम में बहुत ही उत्तम माना जाता है ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में रोजाना नियम से शालिग्राम की पूजा होती है वहां पर सकारात्मकता का हमेशा ही संचार होता है और नकारात्मकता भी दूर हो जाती है


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