हिंदू धर्म में पूर्वजों को देवता समान माना गया हैं और इनके लिए साल के 15 दिन यानी की पितृपक्ष के दिनों को समर्पित किया गया हैं इस दौरान लोग अपने पूर्वजों को याद कर उनका श्राद्ध और तर्पण करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता हैं जिससे जीवन में सुख समृद्धि हमेशा बनी रहती हैं लेकिन वास्तुशास्त्र में घर के कुछ हिस्सों और दिशाओं में पितरों का वास माना जाता हैं।
ऐसे में इन स्थानों पर कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं रखना चाहिए अगर कोई यहां पर इन चीजों को रखता हैं तो उसे वास्तुदोष के साथ साथ पितर दोष भी उठाना पड़ता हैं जिसके कारण शादी विवाह में अड़चने, वंश वृद्धि में बाधा, तरक्की व आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख में बता रहे हैं कि घर की कौन से दिशा में किन चीजों को रखना अच्छा नहीं माना जाता हैं तो आइए जानते हैं।
घर से जुड़ी इन बातों का रखें विशेष ध्यान—
वास्तुशास्त्र की मानें तो घर की दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती हैं यही कारण हैं कि ये दिशा पितरों को समर्पित होती हैं ऐसे में पितरों की फोटो आप घर की उत्तर दिशा में लगाएं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पितरों का मुंह दक्षिण दिशा में होना चाहिए। इसके अलावा में एक से अधिक पितरों की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। मान्यता है कि पितरों की अधिक तस्वीरों को घर में लगाने से नकारात्मकता का वास होता हैं। जो जीवन में परेशानियां बढ़ाने का काम करती हैं। वास्तु कहता है कि ड्राइंग रूम और बेडरूम में भूलकर भी पूर्वजों की तस्वीरों को नहीं लगाना चाहिए। यहां पर इन तस्वीरों को लगाने से परिवार के लोग अधिक बीमार पड़ते हैं साथ ही कई अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ता हैं।
पितरों को समर्पित दिनों पर अगर उन्हें याद करते हुए उनका पिंड दान और श्राद्ध कर्म किया जाए तो इससे वे प्रसन्न हो जाते हैं और अपना आशीर्वाद परिवार पर बनाएं रखते हैं जिससे जीवन सुखमय रहता हैं और सभी परेशानियां दूर रहती हैं। वास्तु अनुसार पितरों की तस्वीर को घर के पूजन स्थल और रसोई में भी नहीं रखना चाहिए वरना पितर दोष उत्पन्न होता हैं।