ब्रह्म मुहूर्त में भूलकर भी न करें ये कार्य...घेर लेते हैं कई रोग...आपकी आयु भी होती है कम
जब भी कोई व्रत या त्यौहार होता है तो उसकी तैयारियों के लिए हम सभी ब्रह्ममुहूर्त में उठने को तरजीह देते हैं।
जब भी कोई व्रत या त्यौहार होता है तो उसकी तैयारियों के लिए हम सभी ब्रह्ममुहूर्त में उठने को तरजीह देते हैं। शास्त्रों में भी इस समय को बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है। प्राचीन काल की बात करें तो ऋषि मुनि हमेशा ही ब्रह्म मुहूर्त में उठते थे। फिर ईश्वर का वंदन करते थे। हालांकि, अभी भी कई घरों के बड़े-बुजुर्ग सुबह ब्रह्ममुहूर्त में ही उठना पसंद करते हैं। ब्रह्म मुहूर्त न केवल शास्त्रों के नजरिए से बल्कि आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा पद्धति में भी इसका महत्व बहुत ज्यादा है। अगर इसके मतलब की बात करें तो ब्रह्म का अर्थ ज्ञान होता है। ऐसे में ब्रह्ममुहूर्त का अर्थ ज्ञान का समय होता है।
अगर आयुर्वेद के नजरिए से देखा जाए तो अगर कोई जातक ब्रह्म मुहूर्त में उठता है तो उसकी आयु में वृद्धि होती है। साथ ही रोग मुक्त भी रहता है। वैसे तो यह मुहूर्त बेहद शुभ होता है लेकिन इस दौरान कुछ बातों की मनाही होती है। यहां हम आपको इन्हीं बातों की जानकारी दे रहे हैं।
1. ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अगर आप योजनाएं बनाएं या कोई अहम निर्णय लें तो बेहतर होता है। लेकिन इस दौरान कोई भी नकारात्मक ख्याल मन में नहीं आना चाहिए। इससे व्यक्ति पूरे दिन तनाव में ही रहता है।
2. ब्रह्म मुहूर्त भगवान का नाम लेने वाला समय माना गया है। ऐसे में इस पवित्र समय पर प्रणय संबंध न बनाएं। आयुर्वेद में भी इसे वर्जित माना गया है। इससे शरीर को रोग घेर लेते हैं। साथ ही आयु भी कम होती है।
3. कई लोगों की आदत होती है कि हसुबह उठने के बाद उन्हें चाय नाश्ता चाहिए होता है। यह आदत सही नहीं मानी गई है। अगर ब्रह्म मुहूर्त में या सुबह उठते ह भोजन करने लग जाते हैं तो इससे व्यक्ति को बीमारियां घेरने लगती हैं।