मंगलवार को न करें ये काम, नहीं झेलनी पड़ सकती है परेशानी
मंगलवार का दिन हनुमानजी को समर्पित होता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मंगलवार का दिन हनुमानजी को समर्पित होता है. इस दिन पूजा- पाठ करने से आपके सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. कई लोग हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार को व्रत रखते हैं. इस दिन कुछ लोग कुंडली में मंगल ग्रह को शांत करने के लिए विशेष उपाय करते हैं. मान्यता है कि इस दिन हनुमानजी की पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. कई लोग इस शुभ दिन पर हनुमानाष्टक और सुंदरकांड का पाठ कराते हैं. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, मंगलवार के दिन कुछ कार्यों को करने से हमारे जीवन पर असर पड़ता है. आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में.
दूध से बनी चीजें न खरीदें
दूध को चंद्रमा का कारक माना गया है. मंगल और चंद्रमा एक दूसरे के विरोधी माने जाते हैं. इसलिए मंगलावर के दिन दूध से बनी चीजें नहीं खरीदनी चाहिए. इससे बनी मिठाईयों को भी प्रसाद में भोग नहीं लगाना चाहिए. मंगलवार के दिन बेसन से बने हुए लड्डू खरीदें और प्रसाद के रूप में भोग लगाएं.
बाल और नाखून नहीं काटना है
मंगलवार के दिन बाल और नाखून कटाना अच्छा नहीं माना जाता है. इसके अलावा अगर संभव हो तो शेविंग भी नहीं करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इन चीजों को करने से अशुभ घटना घट सकती हैं. शास्त्रों के मुताबिक मंगलवार के दिन बाल कटवाने से 8 महीने की उम्र कम हो जाती है.
पैसे का लेन- देन करने से बचें
मंगलवार का दिन किसी भी शुभ कार्यों को करने के लिए सबसे अच्छा होता है. लेकिन इस दिन पैसों का लेन- देन नहीं करना चाहिए. मंगलवार के दिन निवेश का काम करने अच्छा नहीं होता है, मान्यता है कि इससे काम बिगड़ते हैं. साथी ही आपको बिजनेस में भी नुकसान होता है.
काले रंग के वस्त्र न पहनें
मंगलवार के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से शनि का प्रभाव बढ़ता है. कहते हैं कि शनि और मंगल का संयोग अशुभ होता है. इसलिए मंगलवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए.
शराब और मांस का सेवन न करें
मंगलवार का दिन मांस मंदिरा से दूर रहना चाहिए. इन चीजों को खाने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. माना जाता है कि मंगलवार को मछली खाने से धन की हानि होती है. इसलिए मांस और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.
नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.