चैत्र नवरात्रि के दौरान बिल्कुल भी न करें ये गलतियां

चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो रही है। इस बार पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाएगी। नौ दिवसीय नवरात्रि में जो व्यक्ति संयम के साथ नियमों का पालन करता है

Update: 2022-04-02 03:48 GMT

चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो रही है। इस बार पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाएगी। नौ दिवसीय नवरात्रि में जो व्यक्ति संयम के साथ नियमों का पालन करता है तो अवश्य मां दुर्गा की कृपा उसके ऊपर बनी रहती हैं। लेकिन जो व्यक्ति नवरात्रि के नियमों का ठीक ढंग से पालन नहीं करता है तो उसे व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है। अगर आप भी नवरात्रि में व्रत रखते हैं या फिर पहली बार रखने वाले हैं तो इन बातों को जरूर ध्यान रखें। क्योंकि इन गलतियों को करने से व्रत का प्रभाव उल्टा पड़ता है।

चैत्र नवरात्रि के दौरान बिल्कुल भी न करें ये काम

चैत्र नवरात्रि के दौरान व्रती को बाल दाढ़ी-मूंछ नहीं बनवाना चाहिए। मान्यता है कि इससे व्रत का पूरे फल की प्राप्ति नहीं होती है।

अगर आपने अखंड ज्योति जलाई है तो पूरे 9 दिनों तक घर में किसी न किसी सदस्य को रहना चाहिए। नौ दिनों में घर को कभी भी खाली न छोड़े।

अगर जातक नवरात्रि का व्रत रख रहा है तो इस बात का ध्यान रखें कि चमड़े से बनी बेल्ट, चप्पल, बैग आदि का इस्तेमाल न करें।

नवरात्रि में व्रत रखने वाले लोगों को नींबू और कटहल को नहीं काटना चाहिए।

दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती, दुर्गा मंत्र आदि पढ़ते समय बीच में किसी से बात नहीं करना चाहिए और न ही गलत शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए। हमेशा ध्यान के साथ सही उच्चारण करते हुए पाठ करना चाहिए।

नवरात्रि के दौरान काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए।

नवरात्रि के दौरान तामसिक भोजन यानी प्याज, लहसुन के अलावा मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

नवरात्रि के दौरान व्रत रखने वाले लोगों को अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। केवल दिन में एक बार फलों का सेवन कर सकते हैं।

विष्णु पुराण के अनुसार, व्रत के दौरान तंबाकू चबाने और शारीरिक संबंध बनाने की मनाही होती है।

नौ दिनों के व्रत के दौरान बिना धुले या फिर गंदे कपड़े नहीं पहनना चाहिए।

नवरात्रि में मां दुर्गा को दुर्वा, आक, मदार, तुलसी, आंवला के फूल नहीं अर्पित करना चाहिए।

कई बार गीले वस्त्र पहनकर ही मां दुर्गा की पूजा करने लगते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। हमेशा सूखे वस्त्र पहनकर ही देवी मां की पूजा करें।


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