Kanya Poojan के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, सुख शांति हो जाएगा खत्म
Kanya Poojan ज्योतिष न्यूज़ : देशभर में शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है और नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करने का विशेष महत्व होता हैं। कन्याओं को मां दुर्गा का रूप मानकर उनकी पूजा कर भोजन आदि का आयोजन किया जाता है
कन्या पूजन विशेष तौर पर नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर किया जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से आरंभ होगी और इस तिथि का समापन 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 6 मिनट पर हो जाएगा।
पंचांग के अनुसार अष्टमी और नवमी एक साथ 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ऐसे में इस साल कन्या पूजन 11 अक्टूबर को ही करना लाभकारी होगा। तो आज हम आपको कन्या पूजन के नियम बता रहे हैं।
कन्या पूजन के सरल नियम—
आपको बता दें कि नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्याओं का स्वागत कर समारोह का आरंभ करें। फिर उनके पैर धोकर आसन पर बैठाएं। अब उनके माथे पर कुमकुम लगाएं इसके बाद कलावा बांधें। कन्याओं को नैवेद्य के रूप में काले चने पूरी, श्रीफल और कांसर या खीर का प्रसाद खिलाएं।
कन्याओं को चुनरी, चुड़ियां और नए वस्त्र उपहार में दें। इसके बाद उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। अंत में कुछ चावल दें और कहें कि इसे अपने घर में फेंक दें और खुद ले लें इस दिन तामसिक चीजों से दूरी बनाएं रखें।
महानवमी की तारीख और मुहूर्त—
आपको बता दें कि शारदीय नवरात्रि की महानवमी इस साल 11 अक्टूबर दिन शुक्रवार यानी की आज मनाई जा रही है नवमी तिथि 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से लग रही है और 12 अक्टूबर को रात 10 बजकर 58 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में पूजा का सामान्य मुहूर्त सुबह 6 बजकर 20 मिनट से लेकर 7 बजकर 47 मिनट तक है इसके बाद लाभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 47 मिनट से लेकर 9 बजकर 14 मिनट तक है। वही अमृत मुहूर्त सुबह 9 बजकर 14 मिनट से लेकर 10 बजकर 41 मिनट तक है इसके अलावा शुभ मुहूर्त आज दोपहर 12 बजकर 8 मिनट से लेकर 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।