रविवार के दिन करें बस एक उपाय जाग उठेगी सोई किस्मत
हिंदू धर्म में सूर्य देव को कलयुग के प्रत्यक्ष देवता के रूप में पूजा जाता है. सूर्य देव को ग्रहों का राजा भी बोलते हैं. ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति की कुंडली में यदि सूर्य देव मजबूत स्थिति में हों, तो ऐसे व्यक्ति को धन, मान-सम्मान और सेहत की प्राप्ति होती है
हिंदू धर्म में सूर्य देव को कलयुग के प्रत्यक्ष देवता के रूप में पूजा जाता है. सूर्य देव को ग्रहों का राजा भी बोलते हैं. ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति की कुंडली में यदि सूर्य देव मजबूत स्थिति में हों, तो ऐसे व्यक्ति को धन, मान-सम्मान और सेहत की प्राप्ति होती है, लेकिन यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर हो, तो ऐसे में उस व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों के साथ अन्य कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है. रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित किया गया है. ऐसे में माना जाता है कि यदि पूरी श्रद्धा-भक्ति के साथ सूर्यदेव की उपासना की जाए, तो आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है.
यदि जीवन की व्यस्तता के चलते प्रतिदिन सूर्य देव की पूजा करने में असमर्थ हों, तो रविवार के दिन आवश्यक रूप से सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए. भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा आज हमे रविवार के दिन किए जाने वाले कुछ ऐसे उपाय बता रहें हैं, जिनसे सूर्य देव तो प्रसन्न होंगे साथ ही आपको सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति भी मिलेगी.
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि यदि किसी व्यक्ति कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर हो, तो ऐसे व्यक्ति को रविवार के दिन मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलानी चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है और व्यक्ति के जीवन में आ रही परेशानियां दूर होती हैं.
ज्योतिष शास्त्र में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि यदि रविवार के दिन उगते सूरज को जल दिया जाए, तो यह बहुत ही शुभ होता है. जल देने के पश्चात माता लक्ष्मी का पूजन भी करना चाहिए. ऐसा करने से घर में धन संपदा की कमी नहीं होती.
यदि आप प्रतिदिन सूर्यदेव की उपासना नहीं कर पाते, तो रविवार के दिन नियमित रूप से आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए. ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं.
नौकरी और कारोबार में तरक्की के लिए रविवार को बहते हुए जल में गुड़ और चावल को मिश्रित करके प्रवाहित करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है.