हस्त व चित्रा नक्षत्र और विषकुंभ योग में मनाएंगे दीपावली, नहीं पड़ेगा सूर्य ग्रहण का असर

Update: 2022-10-11 05:07 GMT

दीपावली इस वर्ष 24 अक्टूबर (सोमवार) को मनेगी। दीपों का यह पर्व इस वर्ष बेहद शुभ योग और शुभ मुहूर्त पड़ रहा है। इस वर्ष बिहारवासी हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र और विषकुंभ योग में दीपावली मनाएंगे। ज्योतिषाचार्य पीके युग कहते हैं कि इस दिन हस्त नक्षत्र के बाद चित्रा नक्षत्र शुरू हो रहा है। वहीं बुध उच्चस्थ स्थिति में और शुक्र, शनि और वृहस्पति अपनी खुद की राशि में होंगे, जो बेहद शुभ है। अमावस्या तिथि का आरंभ 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 8 मिनट से 25 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। चूंकि 25 तारीख को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो रही है और 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि मौजूद रहेगी। इसलिए 24 अक्टूबर को लोग दीपावली मनाएंगे। इस दिन घर में श्रद्धालुओं को श्री सूक्त, कनकधारा स्रोत और लक्ष्मी स्रोत का पाठ करना चाहिए।

25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण

25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है। ग्रहण काल में कोई शुभ कार्य नहीं किए जा सकते हैं। ग्रहण काल के 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है। लेकिन इसका प्रभाव दीपावली पर्व पर नहीं पड़ रहा है। बताते चलें कि 27 वर्ष पहले 1995 को दीपावली के दिन सूर्य ग्रहण का संयोग बना था।

समुद्र मंथन में उत्पन्न हुईं थी मां लक्ष्मी :

कार्तिक अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है। समुद्र मंथन के फलस्वरूप कार्तिक अमावस्या को ही मां लक्ष्मी अवतरित हुईं। लंका विजय पर बनवास की अवधि पूरा कर श्रीराम का अयोध्या आगमन भी इसी दिन हुआ था। ज्योतिष मत से कार्तिक अमावस्या के दिन चंद्र तुला राशि में होते हैं जो शुक्र की राशि है। शुक्र को धन व ऐश्वर्य का स्थायी कारक माना जाता है।


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