Dev Uthani Ekadashi: चातुर्मास के 120 दिन बाद देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु गहरी निद्रा से उठते हैं. माना जाता है कि जग के पालनहार जब तक इस योग निद्रा में रहते हैं तब तक इस संसार में कोई भी मंगल कार्य नहीं किया जा सकता. देशशयनी एकादशी से विवाह जैसे मंगल कार्य बंद हो जाते हैं और फिर देवउठनी एकादशी से विवाह मुहूर्त फिर से शुरू होते हैं. इस साल नवंबर में शादी के शुभ मुहूर्त 11 हैं और दिसंबर के महीने में भी शादी के कई शुभ मुहूर्त हैं. इस एकादशी से कुछ ग्रहों की स्थिति में भी बदलाव आता है जिसका प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है. इस साल देवउठनी एकादशी बेहत शुभ संयोग में पड़ रही है. माना जा रहा है कि इससे कुछ जातकों को अपार सफलता और अचानक धनलाभ के योग बनेंगे.
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:56 बजे से 5:49 बजे तक का है, जो धार्मिक कार्यों के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है.
अभिजीत मुहूर्त या शुभ मुहूर्त सुबह 11:44 बजे से 12:27 बजे तक रहेगा. सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए ये समय उत्तम माना जाता है.
व्रत पारण के समय की बात करें तो अगले दिन सुबह 6:42 बजे से 8:51 बजे तक आप एकादशी व्रत खोल सकते हैं. ये एकादशी व्रत को तोड़ने का शुभ समय होगा. देवउठनी एकादशी के दिन इन मुहूर्तों में पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होता है.