Dahi Handi 2024: देशभर में बड़ी धूमधाम से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया गया. भगवान कृष्ण को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर था. आज भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में ही दही हांडी का कार्यक्रम रखा जाता है. ये कार्यक्रम बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन मटकी तोड़ने की परंपरा है. ऊंचाई पर मटकी में दही-मक्खन बांध देते हैं और लोगों का एक समूह पिरामिड बनाकर उसे फोड़ता है. ऐसा एक बार में नहीं हो पाता क्योंकि ये एक मुश्किल काम है
आइये जानते हैं कि दही हांडी का पौराणिक महत्व क्या है और भारत में किन जगहों पर दही हांडी का कार्यक्रम होता है.
क्या है पौराणिक महत्व
दही हांडी का प्रकरण भगवान कृष्ण की बाल्यावस्था से जुड़ा हुआ है. दरअसल कृष्ण को माखन बहुत प्रिय था. वे घरों में चुपके से घुसकर अपनी मित्र मंडली के साथ सारा माखन चट कर जाते थे. उन्हें इस वजह से माखन चोर कहकर भी बुलाया जाता था. उनकी इस लीला को समर्पित है दही हांडी का कार्यक्रम|
कहां-कहां है फेमस
दही हांडी का कार्यक्रम कई जगहों पर फेमस है और इसे काफी जोर-शोर से मनाने की प्रक्रिया है. देश की कुछ-कुछ जगहें तो ऐसी भी हैं जहां पर दही हांडी का उत्साह हैरान कर देने वाला होता है. बता रहे हैं वो जगहें जहां पर दही हांडी का कार्यक्रम दुनियाभर में लोकप्रिय है.
दिल्ली
देश की राजधानी दिल्ली में दही-हांडी का प्रोग्राम बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. कई सोसाइटीज में लोग इस कार्यक्रम का आयोजत लेते हैं और भारी संख्या में लोग दही-हांडी की प्रतियोगिता का आनंद उठाने के लिए एकत्रित होते हैं.
वृंदावन
भगवान कृष्ण वृंदावन में पले-बढ़े थे और यहीं पर उनका बचपन बीता था. वैसे तो ये जगह हमेशा ही कृष्णमय रहती है लेकिन जन्माष्टमी पर ब्रजवासियों का उत्साह अलग लेवल पर ही होता है. वृंदावन में जन्माष्टमी के 10 दिन पहले से ही इस कार्यक्रम को धूमधाम से मनाना शुरू कर दिया जाता है. यहां पर भी कृष्ण के जन्म को बड़ी धूम-धाम से सेलिब्रेट करते हैं और दही-हांडी का कार्यक्रम रखा जाता है.