धर्म : पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी कलाओं से सुसज्जित रहता है। सभी पूर्णिमाओं में पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है, क्योंकि सालभर में आने वाली सभी पूर्णिमाओं में यह एकमात्र पूर्णिमा होती है जिसपर सूर्य और चंद्र का खास संयोग बनता है। इस बार 6 जनवरी 2023, शुक्रवार को पौष पूर्णिमा मनाई जा रही है। मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान, दान और तप अधिक फलदायी होता है। इस दिन स्नान-दान करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है। साथ ही व्यक्ति के तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं और घर में लक्ष्मी का आगमन होता है और साधक को मोक्ष मिलता है। इस दिन रात के समय महालक्ष्मी की पूजा भी शुभ फलदायी होती है। आइए जानते हैं इस साल पौष पूर्णिमा पर सूर्य-चंद्रमा की पूजा का शुभ मुहूर्त व महत्व