Chhath Puja: इन नियमों का पालन से छठी मईया हो जाएंगी प्रसन्न

Update: 2024-11-06 11:48 GMT
Chhath Puja ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन छठ पूजा को बहुत ही खास माना गया है जो कि 36 घंटों का व्रत होता है छठ व्रत को सबसे अधिक कठिन माना गया है। छठ पूजा में साफ सफाई के साथ साथ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है यह पर्व पूरे तीन दिनों तक चलता है।
 इस दौरान भक्त छठी मैया और भगवान सूर्यदेव की विधिवत पूजा करते हैं। पंचांग के अनुसार छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी की 5 नवंबर से हो चुका है और इस व्रत का समापन अष्टमी यानी 8 नवंबर को होगा। इस दौरान छठी मैया और सूर्यदेव की पूजा अर्चना करना उत्तम माना जाता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा छठ महापर्व से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 छठ पूजा में क्या करें—
आपको बता दें कि छठ पूजा का कोई भी कार्य करने से पहले स्नान कर नए वस्त्र पहनें फिर पूजा का काम शुरू करें। छठ पूजा का व्रत निर्जला किया जाता है इस दिन प्रसाद बनाने के लिए नमक का प्रयोग न करें। ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है। छठ पूजा का भोग बनाने से पहले हाथों को गंगाजल से साफ करें फिर प्रसाद तैयार करें। छठ पूजा का प्रसाद तैयार करने के लिए अलग से चूल्हा रखना चाहिए और अलग कमरे में प्रसाद बनाना चाहिए। छठ पूजा के कमरे में हर किसी का प्रवेश भी नहीं होना चाहिए।
 छठ पूजा पर सभगवान सूर्यदेव की पूजा की जाती है ऐसे में सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय जल के साथ दूध का भी अर्घ्य देना चाहिए इसे अच्छा माना जाता है। इस पर्व में छठी मैया के भी पूजन का विधान होता है। ऐसे में प्रसाद से भरे सूप से छठी माता की पूजा करें। छठ पूजा के दिनों में इस पर्व से जुड़ी कथा जरूर पढ़ें। कथा पढ़ने से व्रत पूरा होता है और इसका फल मिलता है।
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