Chhath Puja 2021: इस छठ पूजा पर खाएं ये 5 बेहतरीन डिश

छठ पूजा एक सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक त्योहार है जो सूर्य देव को समर्पित है

Update: 2021-11-08 18:52 GMT

छठ पूजा एक सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक त्योहार है जो सूर्य देव को समर्पित है. ये पृथ्वी पर जीवन और ऊर्जा प्रदान करने के लिए सूर्य भगवान को धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है.

महिलाएं 36 घंटे का उपवास रखती हैं और छठ मैया और सूर्य देव की पूजा करती हैं. परिवार की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की जाती है.
पूरे साल इस महापर्व को लेकर लोग इंतजार करते रहते हैं. इस पर्व को लोग पूरे विधि-विधान से करते हैं. किसी भी भूल-चूक की गुंजाईश नहीं होती है. हर तरफ इस त्योहार की धूम रहती है.
पवित्र प्रसाद की तैयारी इस धार्मिक, सांस्कृतिक उत्सव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि इसे प्रेम और भक्ति के साथ दिया जाता है. इसके अलावा इस मौके पर कुछ खास डिश भी बनाए जाते हैं.
ये बहुत आसान लग सकता है लेकिन उत्सव और भक्ति के कारण इन डिशेज का स्वाद किसी स्वर्ग से कम नहीं है.
तो क्या आप छठ पूजा 2021 के लिए कुछ स्वादिष्ट फूड्स के बारे में जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करने के लिए तैयार हैं?
1. ठेकुआ
ठेकुआ को खजूरिया या ठिकारी के नाम से भी जाना जाता है. ये एक पारंपरिक प्रसाद है और छठ पूजा का पर्याय है.
दा, घी, सूखे नारियल और चीनी की चाशनी से आटा गूंथ कर तैयार किया जाता है. फिर इस आटे की चपटी छोटी-छोटी लोइयां तल कर निकाल ली जाती हैं.
2. रसियाव
दूसरे दिन रसियाव की शाम को गुड़ से बनी खीर प्रसाद का एक अनिवार्य हिस्सा है. तीन घंटे भीगे हुए चावलों को उबलते दूध में डाल दिया जाता है, हिलाया जाता है और बहुत धीमी आंच पर पकाया जाता है, बाद में गुड़ का पाउडर और थोड़ी सी इलायची डाल दी जाती है. इसे किशमिश और मेवे से गार्निश कर सकते हैं.
3. कसारी
छठ पूजा की टोकरी कसार नामक पारंपरिक चावल के लड्डू के बिना पूरी नहीं होती है. दरदरे पिसे हुए चावल में गुड़ का पाउडर, सूखा नारियल और घी मिलाया जाता है. मिलाने के बाद छोटे-छोटे लड्डू बनते हैं.
4. हरा चना मसाला
इस डिश को पूरियों के साथ परोसा जाता है. हरे चने को रात भर भिगोया जाता है. फिर इन्हें घी में जीरा और हरी मिर्च के साथ भून लिया जाता है.
5. घिया सब्जी
'नहाय खाय' के दिन घिया सब्जी बनाई जाती है और चावल के साथ परोसा जाता है. घी को शुद्ध घी और गंगाजल में मिट्टी के चूल्हे पर पकाया जाता है.


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