भगवान को भोग लगाते समय बोलें ये मंत्र, पाए सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

Update: 2023-06-17 12:40 GMT
भगवान की पूजा-अर्चना करने का सबका अपना-अपना तरीका होता है। भोग के बिना कोई भी पूजा पूरी नहीं मानी जाती। जिस भी वस्तु को भगवान को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है उसे ही प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है।
Bhog Lagane ke Niyam: सनातन धर्म में पूजा-पाठ करना, देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका माना गया है। साथ ही इसके कुछ नियम भी बताए गए हैं। इन नियमों को ध्यान में रखा जाए तो पूरा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
इन बातों का रखें ध्यान
इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि भगवान को चढ़ाया जाने वाला भोग साफ-सुथरा और सात्विक होना चाहिए। भगवान को चढ़ाए जाने वाले भोग को तैयार करते समय रसोई की अच्छी तरह सफाई कर लें। साथ ही खुद की सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। हमेशा स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनकर ही भगवान को प्रसाद तैयार करें।
बोलें ये मंत्र
भोग लगाने के बाद प्रसाद को मंदिर में ही रखा न छोड़े। ऐसा करने से घर में नकारात्मकता आती है। भोग लगाने के बाद उसे परिवार के सदस्यों में बांट दें। और भोग लगाते समय यह मंत्र बोलने से लाभ मिलता है।
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
अर्थ- हे ईश्वर मेरे पास जो भी है वो आपका ही दिया हुआ है। आपका दिया आपको समर्पित करता हूं। कृपा करके इसे ग्रहण करे और मुझ पर प्रसन्न हों।
कैसा हो भोग लगाने का पात्र
भोग लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि जिस पात्र में भोग लगाया जा रहा है वह सोने, चांदी, तांबे, या पीतल का बना होना चाहिए। आप मिट्टी या फिर लकड़ी के पात्र में भी भोग लगा सकते हैं। लेकिन भूलकर भी कभी एल्यूमिनियम, लोहो, स्टील या प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल भोग लगाने के लिए न करें। इससे आपको भोग लगाने का फल प्राप्त नहीं होता।
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