मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का करें जाप
सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा 18 दिसंबर को है। इस दिन पूजा, जप, तप और दान का विधान है। धार्मिक मान्यता है
सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा 18 दिसंबर को है। इस दिन पूजा, जप, तप और दान का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन पूजा, जप, तप और दान से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही पितरों को मोक्ष मिलता है। इसके लिए पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में लोग आस्था की डुबकी लगाते हैं। तत्पश्चात, सूर्य देव को अर्घ्य देकर नदी में काले तिल प्रवाहित करते हैं। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा उपासना की जाती है। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि पूर्णिमा के दिन व्रत करने से व्रती के जीवन से दुख-शोक का नाश होता है, जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है, पुत्र की प्राप्ति होती है और सर्वत्र विजय हासिल करने का वरदान मिलता है। इस व्रत को किसी विशेष तिथि की जरूरत नहीं पड़ती है। वहीं, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन इन मंत्रों का जाप जरूर करें-