Shukra Mantra धार्मिक मान्यता है कि लक्ष्मी वैभव व्रत करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही आय और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। इस दिन सुख शोहरत प्रेम रोमांस और विवाह के कारक शुक्र ग्रह की भी पूजा की जाती है। अगर आप भी अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाहते हैं तो शुक्रवार के दिन इन मंत्रों का जाप अवश्य करें।
Shukra Mantra: सनातन धर्म में शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही मां लक्ष्मी के निमित्त लक्ष्मी वैभव व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं। धार्मिक मान्यता है कि लक्ष्मी वैभव व्रत करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही आय और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। इस दिन सुख, शोहरत, प्रेम, रोमांस और विवाह के कारक शुक्र ग्रह की भी पूजा की जाती है। शुक्र देव की पूजा करने से साधक को समस्त प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। अगर आप भी अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। इन मंत्रों के जाप से कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है। आइए, शुक्र मंत्र का जाप करते हैं-
शुक्र ग्रह के मंत्र
तांत्रिक मंत्र
ऊँ ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:
ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:
ऊँ वस्त्रं मे देहि शुक्राय स्वाहाशुक्र एकाक्षरी बीज मंत्र ||
पौराणिक मंत्र
ऊँ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम
सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम ।।
शुक्र गायत्री मंत्र
“ॐ भृगुराजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र प्रचोदयात्” ।।
शुक्र बीज मंत्र
ऊँ शुं शुक्राय नम:
वैदिक मंत्र
ऊँ अन्नात्परिस्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत क्षत्रं पय: सेमं प्रजापति: ।
शुक्र देव के शतनाम
1. ॐ शुक्राय नमः ।
2. ॐ शुचये नमः ।
3. ॐ शुभगुणाय नमः ।
4. ॐ शुभदाय नमः ।
5. ॐ शुभलक्षणाय नमः ।
6. ॐ शोभनाक्षाय नमः ।
7. ॐ शुभ्रवाहाय नमः ।
8. ॐ शुद्धस्फटिकभास्वराय नमः ।
9. ॐ धर्मपालकाय नमः ।
10. ॐ भाग्यदाय नमः ।
11. ॐ भव्यचारित्राय नमः ।
12. ॐ भवपाशविमेचकाय नमः ।
13. ॐ गौडदेशेश्वराय नमः ।
14. ॐ गोप्त्रे नमः ।
15. ॐ गुणिने नमः ।
16. ॐ गुणविभूषणाय नमः ।
17. ॐ ज्येष्ठानक्षत्रसंभूताय नमः ॥
18. ॐ ज्येष्ठाय नमः ।
19. ॐ श्रेष्ठाय नमः ।
20. ॐ शुचिस्मिताय नमः ।
21. ॐ अपवर्गप्रदाय नमः ।
22. ॐ अनंताय नमः ।
23. ॐ संतानफलदायकाय नमः ।
24. ॐ सर्व्यैश्वर्यप्रदायकाय नमः ।
25. ॐ सर्वगीर्वाणगणसन्नुताय नमः ॥
26. ॐ मानदाय नमः ।
27. ॐ मान्याय नमः ।
28. ॐ मायातीताय नमः ।
29. ॐ महायशसे नमः ॥
30. ॐ बलिप्रसन्नाय नमः ।
31. ॐ अभयदाय नमः ।
32. ॐ बलिने नमः ।
33. ॐ बलपराक्रमाय नमः ।
34. ॐ भवपाशपरित्यागाय नमः ।
35. ॐ बलिबंधविमोचकाय नमः ।
36. ॐ घनाशयाय नमः ।
37. ॐ घनाध्यक्षाय नमः ।
38. ॐ कंबुग्रीवायै नमः ।
39. ॐ कळाधराय नमः । ।
40. ॐ दीनार्तिहारकाय नमः ।
41. ॐ दैत्यगुरवे नमः ॥
42. ॐ देवाभिवंदिताय नमः ।
43. ॐ काव्यासक्ताय नमः ।
44. ॐ कामपालाय नमः ।
45. ॐ कवये नमः ।
46. ॐ कल्याणदायकाय नमः ।
47. ॐ भद्रमूर्तये नमः ।
48. ॐ भद्रगुणाय नमः ।
49. ॐ भार्गवाय नमः ।
50. ॐ भक्तपालनाय नमः ।
51. ॐ भोगदाय नमः ॥
52. ॐ भुवनाध्यक्षाय नमः ।
53. ॐ भुक्तिमुक्तिफलप्रदाय नमः ।
54. ॐ चारुशीलाय नमः ।
55. ॐ चारुरूपाय नमः ।
56. ॐ चारुचंद्रनिभाननाय नमः ।
57. ॐ निधये नमः ।
58. ॐ निखिलशास्त्रज्ञाय नमः ।
59. ॐ नीतिविद्याधुरंधराक्षाय नमः ।
60. ॐ सर्वलक्षणसंपन्नाय नमः ।
61. ॐ सर्वापद्गुणवर्जिताय नमः ॥
62. ॐ समानाधिकनिर्मुक्ताय नमः ।
63. ॐ सकलागमपारगाय नमः ।
64. ॐ भृगवे नमः ।
65. ॐ भोगकराय नमः ।
66. ॐ भूमिसुरपालनतत्पराय नमः ।
67. ॐ मनस्विने नमः ।
68. ॐ कारुण्यरससंपूर्णाय नमः ।
69. ॐ कल्याणगुणवर्धनाय नमः ।
70. ॐ श्वेतांबराय नमः ।
71. ॐ श्वेतवपुषे नमः ।
72. ॐ चतुर्भुजसमन्विताय नमः ।
73. ॐ अक्षमालाधराय नमः ।
74. ॐ अचिंत्याय नमः ।
75. ॐ अक्षीणगुणभासुराय नमः ।
76. ॐ नक्षत्रगणसंचाराय नमः ।
77. ॐ नयदाय नमः ॥
78. ॐ नीतिमार्गदाय नमः ।
79. ॐ वर्षप्रदाय नमः ।
80. ॐ हृषीकेशाय नमः ।
81. ॐ क्लेशनाशकराय नमः ।
82. ॐ चिंतितार्थप्रदाय नमः ।
83. ॐ शांतमतये नमः ।
84. ॐ चित्तसमाधिकृतॆ नमः ।
85. ॐ आदिव्याधिहराय नमः ।
86. ॐ भूरिविक्रमाय नमः ॥
87. ॐ पुण्यदायकाय नमः ।
88. ॐ पुराणपुरुषाय नमः ।
89. ॐ पूज्याय नमः ।
90. ॐ पुरुहूतादिसन्नुताय नमः ।
91. ॐ अजेयाय नमः ।
92. ॐ विजितारातये नमः ।
93. ॐ विविधाभरणोज्ज्वलाय नमः ।
94. ॐ कुंदपुष्पप्रतीकाशाय नमः ।
95. ॐ मंदहासाय नमः ।
96. ॐ महामतये नमः ॥
97. ॐ मुक्ताफलसमानाभाय नमः ।
98. ॐ मुक्तिदाय नमः ।
99. ॐ मुनिसन्नुताय नमः ।
100. ॐ रत्नसिंहासनारूढाय नमः ।
101. ॐ रथस्थाय नमः ।
102. ॐ रजतप्रभाय नमः ।
103. ॐ सूर्यप्राग्देशसंचाराय नमः ।
104. ॐ सुरशत्रुसुहृदे नमः ।
105. ॐ तुलावृषभराशीशाय नमः ॥
106. ॐ दुर्धराय नमः ।