आज शनि प्रदोष के दिन करें भगवान शिव और शनि देव के इन मंत्रों का जाप

शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा-उपासना करता है। उसके जीवन में व्याप्त काल, कष्ट, दुःख और दरिद्रता दूर हो जाते हैं।

Update: 2022-01-15 02:05 GMT

शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा-उपासना करता है। उसके जीवन में व्याप्त काल, कष्ट, दुःख और दरिद्रता दूर हो जाते हैं। खासकर शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिवजी समेत शनिदेव की पूजा करना विशेष फलदायी होता है। इस वर्ष का पहला प्रदोष व्रत शनिवार 15 जनवरी को है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिवजी और माता पार्वती की पूजा-आराधना की जाती है। अगर आप भी भगवान शिव और शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं, तो शनि प्रदोष व्रत के दिन इन मंत्रों का जरूर जाप करें-

प्रदोष व्रत तिथि

पौष, शुक्ल त्रयोदशी शनिवार 15 जनवरी, 2022 को है। त्रयोदशी तिथि 14 जनवरी को रात्रि में 10 बजकर19 मिनट पर शुरु होकर 16 जनवरी को दोपहर में 12 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी। इस दौरान साधक भगवान शिव जी एवं शनिदेव की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

1.

पंचाक्षरी मंत्रॐ नम: शिवाय।

2.

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

3.

लघु महामृत्युंजय मंत्र

ॐ हौं जूं सः

4.

शिव गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।

शनिदेव में मंत्र

5.

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।

दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।


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