ग्रहों के अनुसार करें मन्त्रों का जाप, अशुभ प्रभावों में आएगी कमी

Update: 2023-06-11 12:35 GMT
ज्योतिष और शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों का बहुत महत्व होता हैं जिनकी स्थिति आपके शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करती हैं। ऐसे में हमेशा जरूरत होती हैं की ग्रहों को शांत रखा जाए ताकि अशुभ प्रभावों से बचा जा सकें। आज इस कड़ी में हम आपके लिए सभी 9 ग्रहों से जुड़े विशेष मंत्र लेकर आए हैं जिनका जाप करने से अशुभ प्रभावों में कमी आएगी और जीवन में सुख- शांति का अनुभव होगा। तो आइये जानते हैं इन मन्त्रों के बारे में।
सूर्य का मंत्र
"ऊँ सूर्याय नम:।" सूर्य को जल अर्पित करते समय भी आप ये मंत्र बोल सकते हैं। नित्य सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद इस मंत्र का 108 बार जप करें।
चंद्र का मंत्र
"ऊँ सोमाय नम:।" चंद्र देव के इस मंत्र का जप करने से मानसिक शांति का अनुभव होता है।
मंगल का मंत्र
"ऊँ भौमाय नम:।" अगर भूमि से संबंधीत बाधाएं चल रही हैं तो मंगल देव का यह मंत्र बड़ा ही लाभकारी साबित होता है। इस मंत्र का जप करने से भूमि से संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं।
बुध का मंत्र
"ऊँ बुधाय नम:।" बुध देव के इस मंत्र का जप करने से शिक्षा से जुड़े क्षेत्रों में सफलता हासिल होती है।
गुरु का मंत्र
"ऊँ बृहस्पतये नम:।" बृहस्पति देव के इस मंत्र का जप करने से वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनी रहती है।
शुक्र का मंत्र
"ऊँ शुक्राय नम:।" शुक्र देव के इस मंत्र का जप करने से पति-पत्नी के बीच का तनाव कम होता है और प्रेम बढ़ता है।
शनि देव का मंत्र
"ऊँ शनैश्चराय नम:।" शनि देव के इस मंत्र का जप करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनि दोषों से मुक्ति मिलती है और जीवन से समस्त बाधाएं दूर हो जाती हैं।
राहु का मंत्र
"ऊँ राहवे नम:।" राहु के इस मंत्र का जप करने से जीवन में तनाव नहीं रहता है।
केतु का मंत्र
"ऊँ केतवे नम:।" केतु के इस मंत्र का जप करने से जीवन में सुख शांति बनी रहती है और पारिवारिक कलह भी नहीं होती है।
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